साहित्य लहर
कविता : बादल

बादल… जिंदगी का किनारा खुशियों से भर जाता बारिश के बाद तुम बेहद खूबसूरत लगती सबसे मन की बातें अब अक्सर किया करती तुम्हें देखकर हवा राह में हंसती यह प्यार की दुनिया #राजीव कुमार झा
जिंदगी का किनारा
खुशियों से भर जाता
बारिश के बाद
तुम बेहद खूबसूरत
लगती
सबसे मन की बातें
अब अक्सर किया
करती
तुम्हें देखकर हवा
राह में हंसती
यह प्यार की दुनिया
रंग बिरंगी रोशनी का
शहर में रात का
नजारा
खामोश नजर आता
आकाश में खोया
कोई अकेला तारा
पहाड़ों पर
ठहरती रात को
भटकता चांद करता
प्यार का इशारा
तुम्हारे रेशमी गालों पर
रुपहली रोशनी
मचलती
सुबह इसी वक्त
तुम झरोखों पर
कुछ पल आकर
ठिठकती
प्यार का मौसम
नया आया
बादल ने जंगल को
पानी से महकाया