ईडी भी सक्रिय, 31 करोड़ के ट्रांजेक्शन पर नजर… शुरू की पड़ताल
ईडी भी सक्रिय, 31 करोड़ के ट्रांजेक्शन पर नजर… शुरू की पड़ताल… इनकी साजिश और भ्रष्टाचार में शामिल विभिन्न नसर्री कारोबारी, अन्य आरोपित और तमाम कार्मिक भी लपेटे में आएंगे। संभव है कि ईडी की जांच की आंच उद्यान विभाग में ऊपर तक भी पहुंच जाए।
देहरादून। करोड़ों रुपये के उद्यान घोटाले में सीबीआइ की कार्रवाई के बाद अब प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने भी निगाह टेढ़ी कर ली है। बताया जा रहा है कि घोटाले पर कार्रवाई करने के लिए ईडी की देहरादून शाखा के अधिकारियों ने सीबीआइ की जांच रिपोर्ट के आधार पर कसरत शुरू कर दी है। इस दौरान ईडी ने 20 से अधिक ऐसे बड़े ट्रांजेक्शन/भुगतान पकड़े हैं, जिन्हें सीबीआइ ने अपनी जांच में सीधे तौर पर अनियमितता से जुड़ा बताया है।
सूत्रों के मुताबिक, ईडी के अधिकारियों ने उद्यान घोटाले में सीबीआइ की जांच रिपोर्ट पर कुछ दिन पहले से ही काम करना शुरू कर दिया था। अब प्रकरण में सीबीआइ की ओर से तीन एफआइआर दर्ज किए जाने के बाद ईडी ने सक्रियता और बढ़ा दी है। इस क्रम में ईडी अधिकारी भी बहुत जल्द घोटाले से जुड़े आरोपित अधिकारियों और मनमानी और फर्जी खरीद से जुड़ी नर्सरी के संचालकों के ठिकानों पर छापेमारी कर सकते हैं।
बताया जा रहा है कि ईडी अधिकारी इस केस को भ्रष्टाचार के साक्ष्यों के लिहाज से मजबूत मान रहे हैं। अधिकारियों को इस प्रकरण में लांड्रिंग एक्ट में कार्रवाई के लिए पर्याप्त आधार नजर आ रहे हैं। यदि ईडी इस दिशा में आगे बढ़ती है तो आरोपितों की संपत्ति को अटैच करने में अफसरों को खास अड़चन पेश नहीं आएगी।
अब ईडी भी तत्कालीन उद्यान निदेशक एचएस बवेजा के साथ ही देहरादून की तत्कालीन मुख्य उद्यान अधिकारी मीनाक्षी जोशी, नैनीताल के मुख्य उद्यान अधिकारी राजेंद्र कुमार सिंह, पिथौरागढ़ के तत्कालीन मुख्य उद्यान अधिकारी त्रिलोकी राय, उत्तरकाशी के तत्कालीन मुख्य उद्यान अधिकारी अनिल कुमार मिश्रा पर मुख्य रूप से जांच के दायरे में लाने की तैयारी कर चुका है।
साथ ही इनकी साजिश और भ्रष्टाचार में शामिल विभिन्न नसर्री कारोबारी, अन्य आरोपित और तमाम कार्मिक भी लपेटे में आएंगे। संभव है कि ईडी की जांच की आंच उद्यान विभाग में ऊपर तक भी पहुंच जाए।