
अधिकारियों और सेविकाओं के मेल से नौनिहाल बच्चों के भविष्य अंधेकार में दिखाई दे रहा है। गौरतलब यह है कि मैनु के अनुसार आंगनबाड़ी केंद्र में पढ़ने वाले बच्चों को गुणवत्तापूर्ण भोजन नहीं मिलता है। #संवाददाता अशोक शर्मा
[/box]गया बिहार। गया जिला के आमस प्रखंड मे सेविकाओं का गैस वितरण किया गया जिसमे बाल विकास परियोजना पदाधिकारी आमस द्वारा एक गैस सिलिंडर भरा हुआ था एवं एक सिलिंडर खाली दिया गया जिससे की सेविकाओं के बिच काफी आक्रोस एवं दुखी है कड़पो एवं महिला पर्यवेक्षिका के दवाव मे आकर सेविकाओं से हस्ताक्षर करवा लिया जाता है,
जिससे सेविका किसी भी कागज पर हस्ताक्षर कर देती है, सूत्रों के हवाले से पता चला है की प्रत्येक केन्द्र से 3000 ₹ CDPO T.H.R बड़ा बाबू या क्लर्क के माध्यम से रुपया वसूला जाता है, वहीं प्रत्येक केन्द्र से महिला पर्यवेक्षिका द्वारा 1000 ₹ T H R के वाउचर पास करने के नाम पर रुपया लेती है।
अधिकारियों और सेविकाओं के मेल से नौनिहाल बच्चों के भविष्य अंधेकार में दिखाई दे रहा है। गौरतलब यह है कि मैनु के अनुसार आंगनबाड़ी केंद्र में पढ़ने वाले बच्चों को गुणवत्तापूर्ण भोजन नहीं मिलता है। इस खबर को प्रमुखता से लेते हुए अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार सह अपराध नियंत्रण मंच के समाज कल्याण विभाग के गया जिला अध्यक्ष मनोज कुमार ने बताया कि भ्रष्टाचार चरम सीमा पर है।
अधिकारियों की भ्रष्टाचार के कारण बाल विकास परियोजना में महां लुट परियोजना चल रही है गुणवत्तापूर्ण जो नौनिहालों देश के भविष्य बच्चों को भोजन नहीं मिल पाती है ।अधिकारियों और सेविका के द्वारा बंदर वाट कर दिया जाता है अब बताएं इस देश की भविष्य क्या होगा जो अधिकारी नन्हे मुन्ने बच्चों के अधिकार और भोजन का पैसा आपस में बांट लेते हैं और खा जाते हैं इस देश का क्या होगा।
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