युग पुरूष डाॅ भीमराव अम्बेडकर

सुनील कुमार माथुर
बाबा साहब भीमराव अम्बेडकर ने सामन्ती युग के शोषण से त्रस्त दलित वर्ग को देश की मुख्यधारा मे जोडने में अपना सम्पूर्ण जीवन समर्पित कर दिया । हमें उनके जीवन से प्रेरणा लेनी चाहिए और उनके आदर्शों को जीवन में आत्मसात करना चाहिए । अम्बेडकर के प्रयासों से देश में सामाजिक जागरूकता पैदा हुई और इसी का फल आज प्रत्यक्ष रूप से हम देख रहे है ।
आज आवश्यकता इस बात की है कि सभी पिछडे वर्ग के लोग शिक्षित बनें तथा सामाजिक कुरीतियों का परित्याग कर राष्ट्र के निर्माण में अपनी महती भूमिका का निर्वहन करे लोगों को उच्च पदों पर पहुंचने के बाद अपने तबके की सेवा करनी चाहिए । इस देश में गुणों की पूजा होती रही हैं आदमी की नहीं । इसलिए श्रम व निष्ठा के साथ सभी को अपना व्यक्तित्व निखारना चाहिए ।
प्रजातंत्र में सभी वर्गों को समान अवसर मिलते है । इसके लिए सभी प्रकार के कानून एवं आरक्षण की प्राथमिकताएं निर्धारित की गई है । बाबा साहब भीमराव अम्बेडकर के बताये गये मार्ग पर चलकर पथ प्रदर्शक बनना चाहिए । साथ ही साथ हमें बाबा साहब के शिक्षित बनो , सम्बल बनों के मार्ग पर चलना चाहिए । उन्हें सच्ची श्रद्धाजंलि तभी मानी जायेगी , जब प्रत्येक परिवार के बच्चे शिक्षा के लिए शिक्षण संस्थाओ में पहुंचे और शिक्षित होकर देश का योग्य नागरिक बनें ।
किसी भी समाज का पिछड़ापन या गरीबी दूर करने का मूल मन्त्र शिक्षा ही हैं । शिक्षा से ही स्वंय का , समाज का व राष्ट्र का विकास होता है । बेटा बेटी में भेद किये बिना उन्हे शिक्षा दिलाये ताकि वे परीक्षा में श्रेष्ठ अंक प्राप्त कर परिवार का, समाज व राष्ट्र का मान बढा सके । शिक्षा से ही समाज में व्याप्त अंधेरा छंटेगा तथा समाज प्रकाशमय होने लगेगा । समाज में व्याप्त अंधविश्वास एवं अन्य बुराइयों और नशे जैसी प्रवृत्ति को त्यागने के लिए सभी को पहल करनी होगी ।
डाॅ अम्बेडकर एक युग पुरूष थे । उनके व्यक्तित्व एवं कृतित्व से राष्ट्र को बहुत बडा योगदान मिला है । बाबा साहब भीमराव अम्बेडकर ने शिक्षित बनों, सम्बल बनों का नारा दिया था उसका हमें अनुसरण करना चाहिए । ऐसे महापुरुष कभी-कभी जन्म लेते है जिनका योगदान कभी भी नहीं भुलाया जा सकता । वे एक गरीब परिवार से होने के बावजूद उच्च शिक्षा के लिए विदेश गये तथा अच्छी शिक्षा ग्रहण कर देश के संविधान निर्माण में अपनी अंहम् भूमिका निभाई । भारत का संविधान अन्य देशों की तुलना में श्रेष्ठ संविधान है।
¤ प्रकाशन परिचय ¤
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From »सुनील कुमार माथुरलेखक एवं कविAddress »33, वर्धमान नगर, शोभावतो की ढाणी, खेमे का कुआ, पालरोड, जोधपुर (राजस्थान)Publisher »देवभूमि समाचार, देहरादून (उत्तराखण्ड) |
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