
सुनील कुमार माथुर
सदस्य अणुव्रत लेखक मंच, जोधपुर, राजस्थान
मुसीबत में फंसे हर इंसान की मदद कीजिए। जीव-जन्तुओं की मदद कीजिए। उनकी सहायता कीजिए। मुसीबत तो कुछ समय बाद चली जाएगी, लेकिन वे आपको जो दुआएं देंगे, वह दुआएं जिंदगी भर आपके साथ रहेंगी और उन दुआओं के माध्यम से आपके जीवन की बगिया हर वक्त महकती रहेगी। आपके जीवन में सफलता मिलती रहेगी और आप अपनी मंजिल को बिना बाधा के हासिल कर सकेंगे। दुआएं किसी आशीर्वाद से कम नहीं होतीं। इसलिए हर किसी की मुसीबत के समय अपनी सामर्थ्य के अनुसार मदद जरूर कीजिए। आपका तनिक सा सहयोग किसी जरूरतमंद की जिंदगी बदल सकता है।
हमारे बड़े-बुजुर्ग कहते हैं कि मुस्कुराहट का कोई मोल नहीं, रिश्तों का कोई तोल नहीं। इंसान हर मोड़ पर मिल जाते हैं, लेकिन हर कोई आपकी तरह अनमोल नहीं होता। अतः अपनी छवि को बनाए रखें, क्योंकि आपकी यही उत्तम छवि आपकी अनमोल पहचान है।
इस जीवन का क्या भरोसा! कब हमारे भीतर की ज्योति बुझ जाए और हम इस नश्वर संसार से विदा हो जाएं। इसलिए जब तक इस संसार में हैं, परोपकार के कृत्य जरूर कर लीजिए। यही परोपकार का पुण्य हमारे साथ जाएगा। शेष सारे रिश्ते, गाड़ी, बंगला, नौकर-चाकर, धन-दौलत यहीं धरी की धरी रह जाएगी।
घमंड शब्द में कोई मात्रा नहीं है, फिर भी न जाने क्यों इंसान हर बात में घमंड और अहंकार करता है। साथियों, ईश्वर को हर रोज धन्यवाद दीजिए कि उन्होंने हमें यह मानव जीवन दिया है, जो हमारा सौभाग्य है, और आप जैसे लोग हमें मिले हैं, यह हमारा परम सौभाग्य है। वरना इस मोबाइल युग में कौन किससे बात करता है! हमारा सौभाग्य है कि हम आपसी प्रेम और स्नेह बनाए हुए हैं और आनंदमय जीवन व्यतीत कर रहे हैं।