तुम मुझे खून दो मैं तुम्हें आजादी दूंगा

सुनील कुमार माथुर
आज 23 जनवरी को देश भर में नेताजी सुभाषचंद्र बोस की जयन्ती मनाई जा रही हैं । वे आजादी के दीवानें थे । उन्होंने देश को अंग्रेजी दासता से मुक्त कराने के लिए अनेक संघर्ष किये । अनेक बार जेल गयें लेकिन अंग्रेजों के आगे झुके नहीं , टूटे नहीं । उनका एक ही लक्ष्य था कि भारत माता को अंग्रेजी दासता से मुक्त कराया जायें । उन्होंने इसके लिए आजाद हिन्द फौज भी बनाई और अनेक प्रयासों के बाद अंग्रेजों को मार भगाया ।
वे अपने वायदे के पक्के थे । उनकी कथनी व करनी में कोई अंतर नहीं था । वे तो खुले विचारों के व्यक्ति थे या यूं कहा जा सकता हैं कि उनका जीवन एक खुली किताब था । उन्हें सता का कोई मोह नहीं था । वे तो भारत माता को आजाद देखना चाहते थे और हर भारतीय को आजादी दिलाना चाहते थे । यहीं उनका मूल ध्येय था । वे किसी भी हालत में अन्याय व अत्याचार होता नहीं देख सकते थे ।
उनमें देशभक्ति की भावना कूट – कूट कर भरी थी । उनके वक्त की राजनीतिस्वच्छ राजनीति थी जिसमें चापलूसी व जी हुजूरी का कोई स्थान नहीं था । जो कहना हैं वह सबके सामने स्पष्ट रूप से निःसंकोच होकर कहों । विरोध उस वक्त भी होता था और आज भी होता हैं लेकिन उस वक्त विरोध सिध्दांतों को लेकर होता था न कि अपने स्वार्थ की खातिर या फिर विरोध के लिए विरोध नहीं होता था ।
वे स्पष्टवादी और खुले विचारों के धनी थे । वे प्रायः देशभक्तों की खुलें रूप से सराहना करते थे और कहते थे कि तुम मुझे खून दो मैं तुम्हें आजादी दूंगा । देश का वह सिपाही अपने मिशन पर सोलह आने खरा उतरा । धन्य हैं नेताजी सुभाषचंद्र बोस और उनके सहयोगी जिनकी बदौलत हम आज आजाद भारत में आजादी की सांस ले रहें हैं ।
आजादी के दीवाने नेताजी सुभाषचंद्र बोस अंतिम समय तक गतिशील रहें । उन्होंने अपने कर्मों पर विश्वास किया । अपने कर्मों की भूमि पर हर पथ का निर्माण किया । कर्मशील रहें अंत तक जीवन को जीवन्त किया । कभी भी डिगे नहीं , झुकें नहीं और न हीं कभी टूटे । देशप्रेम व राष्ट्र धर्म का तन – मन से निर्वाह किया । अंतिम क्षण तक सब कष्टों को निर्भयता से पार किया ।
आपका अदम्य साहस, अथक परिश्रम , असीम स्नेह, अटूट धैर्य, मन्त्र मुग्ध वाणी, राष्ट्र भक्ति, सच्चाई व ईमानदारी की प्रेरणा , सद् व्यवहार एवं एकात्मक भाव का प्रकाश पुंज हम सभी को सदा सन्मार्ग की ओर अनवरत प्रशस्त करता रहेगा
उन्होंने आजादी दिलाने के लिए कभी भी ओछे हथकंडे नहीं अपनाये अपितु पूरी दिलेरी और साहस के साथ संघर्ष कर अंग्रेजों को मार भगाया । वह वीर सिपाही आजादी का दिवाना था । भारत माता का लाडला था और जन – जन का नेता था । आज नेताजी सुभाषचंद्र बोस की जयन्ती पर उनको सच्ची श्रद्धाजंलि यहीं होगी कि युवापीढ़ी उनके सपनों को साकार करने के लिए आगें आयें और राष्ट्र की मुख्यधारा से भटके लोगों को सही राह दिखाने के लिए उनमें देश प्रेम की भावना जागृत करें और आजादी का महत्व समझावे।
¤ प्रकाशन परिचय ¤
![]() |
From »सुनील कुमार माथुरलेखक एवं कविAddress »33, वर्धमान नगर, शोभावतो की ढाणी, खेमे का कुआ, पालरोड, जोधपुर (राजस्थान)Publisher »देवभूमि समाचार, देहरादून (उत्तराखण्ड) |
---|
Nice
Nice
Nice article
Right
True
Nice
Nice
True
Nice
Nice article
Awesome article
Nice