महिलाएं हर क्षेत्र में अग्रणीय व पहली पंक्ति में

सुनील कुमार माथुर
आज का युग प्रगतिशील लोगों का युग हैं और जो व्यक्ति प्रगतिशील समय के अनुरूप नहीं चलता हैं उसे समाज पिछडा हुआ कहते हैं । इतना ही नहीं उसे हेय दृष्टि से देखा जाता हैं । अतः व्यक्ति को हमेशा समय के अनुसार चलना चाहिए लेकिन इसका अर्थ यह नहीं है कि हम गलत को भी सही कहे । गलत हमेशा गलत ही रहता हैं और सही हमेशा सही ही रहता हैं ।
हमारे भारतीय संविधान में समानता का अधिकार दिया हुआ हैं और यही वजह है कि आज लडकियों को भी शिक्षा दी जा रही हैं और वे शिक्षित होकर अपनी प्रतिभा को निखारने के साथ ही साथ समाज व राष्ट्र के उत्थान में अहम् भूमिका निभा रही हैं और वे पुरूषो के साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम कर रही हैं । यह बात किसी से भी छिपी हुई नहीं है ।
आज की नारी न्याय , प्रशासनिक सेवाओं , चिकित्सा , शिक्षा , पुलिस , साहित्य , पत्रकारिता , समाज सेवा , राजनीति , बैंक , सेना , वाहन चालक और भी कई क्षेत्र हैं जहां धडल्ले के साथ अपनी सेवाएं दे रही हैं जो वंदनीय व सराहनीय है । आज शायद ही कोई ऐसा क्षेत्र होगा जहां महिलाएं कार्यरत न हो ।
वे घर से बाहर कार्यरत होते हुए भी घर – परिवार व बाहर की सभी जिम्मेदारियों को समय पर निभा रही हैं और वे उफ तक नहीं करती हैं चूंकि उनकी शक्ति को पहचान पाना कठिन कार्य हैं । आज की लडकियों ने अन्तर्राष्ट्रीय खेलों में ढेरों पदक जीत कर न केवल अपने घर – परिवार , गली मौहल्ले, गांव या शहर का नाम ही रोशन नहीं किया हैं अपितु समाज व राष्ट्र का सीना गर्व से चौडा कर दिखाया हैं ।
भारतीय नारी करूणा , ममता , स्नेह , वात्सल्य , दया व प्रेम की मूर्त हैं । यही वजह है कि आज नारी को दुर्गा व सरस्वती के रूप में पूजा जाता हैं । सरस्वती के रूप में आज की नारी महिला शिक्षण संस्थानों में बखूबी शिक्षा देकर युवापीढ़ी को संस्कारवान और चरित्रवान बना रही हैं वही दूसरी ओर दुर्गा के रूप में वह बडी फुर्ती से घर – परिवार के सभी सदस्यों की फरमाइशें समय पर पूरा करके सभी सदस्यों के बीच सामंजस्य बनायें रखती हैं ।
उसके भले ही देखने में दो हाथ हो लेकिन वह दस भुजाओं वाली मां दुर्गा की भांति कार्य कर सबका मन जीत लेती हैं जो उसकी कार्यकुशलता का एक अनूठा जीता जागता उदाहरण है । महिला शब्द कोई मामूली सा शब्द नहीं है अपितु इसका अर्थ बडा ही गहरा हैं । म से ममतावान , हि से हिम्मत वाली और ला से घर – परिवार की लाज रखने वाली नारी की बडी ही महान हैं तभी तो कहा गया हैं कि जिस घर में नारी का मान – सम्मान होता हैं वहीं देवता वास करते हैं।
¤ प्रकाशन परिचय ¤
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From »सुनील कुमार माथुरलेखक एवं कविAddress »33, वर्धमान नगर, शोभावतो की ढाणी, खेमे का कुआ, पालरोड, जोधपुर (राजस्थान)Publisher »देवभूमि समाचार, देहरादून (उत्तराखण्ड) |
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