साहित्य लहर
ये कौन सा दीपक होता है…?
राजेश ध्यानी सागर
ये कौन सा
दीपक होता है ,
जो दिल में ही
क्यूँ जलता है।
यादें देती सांसे उसको
दिल में ही
क्यूँ रहता है।
अपनी उसको होश नहीं
किसी हवा में जोश नहीं ,
मन्द लौअ मे
शनै शनै
दिल में ही
क्यूँ रोता है।
सोचूं ? तो कोई
मूरत होगी
ना मिटने वाली
सूरत होगी
पूंछूं तो
चुप रहता है ,
दिल में ही
क्यूं जलता है।
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¤ प्रकाशन परिचय ¤
From »राजेश ध्यानी “सागर”वरिष्ठ पत्रकार, कवि एवं लेखकAddress »144, लूनिया मोहल्ला, देहरादून (उत्तराखण्ड) | सचलभाष एवं व्हाट्सअप : 9837734449Publisher »देवभूमि समाचार, देहरादून (उत्तराखण्ड) |
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