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पानी के संकट ने रुलाया, बिजली कटौती ने सताया, हल्द्वानी शहर में…

पानी के संकट ने रुलाया…बिजली कटौती ने सताया, हल्द्वानी शहर में ढाई लाख की आबादी जल को तरसी… त्योहारी सीजन में पानी न आने से लोगों के जरूरी कामकाज प्रभावित रहे। पूरे दिन पानी की सप्लाई बंद रहने के कारण लोगों में जल संस्थान के खिलाफ नाराजगी भी उभर गई। हालात देखते हुए संस्थान ने कुछ इलाकों में टैंकर भेजे, मगर ये लोगों की प्यास बुझाने के लिए नाकाफी साबित हुए।

हल्द्वानी। गौलावार नहर को बचाने के लिए सुरक्षात्मक कार्य कराने के कारण मंगलवार को शीशमहल फिल्टर प्लांट बंद रखना पड़ा। इससे शहर की ढाई लाख आबादी के सामने पेयजल संकट खड़ा हो गया। हालात ये हो गए कि पेयजल संस्थान को पानी के टैंकर भेजने पड़े, मगर वे नाकाफी साबित हुए। संकट अभी खत्म नहीं हुआ, कार्य पूरा होने पर बुधवार शाम को ही पानी सप्लाई चालू होने की उम्मीद है। गौलावार नहर का करीब 40 मीटर हिस्सा बारिश के कारण खराब हो गया है। नहर से सटी भूमि की मिट्टी बहने से नहर असुरक्षित हो गई है।

इस कारण नहर में पानी का प्रवाह का स्तर काफी कम कर दिया गया था। इस कारण प्लांट को जरूरत के हिसाब से पानी नहीं मिल पा रहा था। इस समस्या से निपटने और नहर को सुरक्षित करने के लिए सिंचाई विभाग सुरक्षात्मक कार्य करा रहा है। यह कार्य मंगलवार सुबह शुरू होकर देर रात चलते रहे। नहर में मरम्मत कार्य के चलते गौला बैराज से पानी रोक दिया गया। इसका सीधा असर शहर के आधे हिस्से में रहने वाले लोगों पर पड़ा।

नैनीताल रोड, रामपुर रोड और कालाढूंगी रोड किनारे बसे इलाकों के साथ ही दमुवाढूंगा के मकानों व संस्थानों में पानी की सप्लाई मंगलवार को ठप हो गई।  त्योहारी सीजन में पानी न आने से लोगों के जरूरी कामकाज प्रभावित रहे। पूरे दिन पानी की सप्लाई बंद रहने के कारण लोगों में जल संस्थान के खिलाफ नाराजगी भी उभर गई। हालात देखते हुए संस्थान ने कुछ इलाकों में टैंकर भेजे, मगर ये लोगों की प्यास बुझाने के लिए नाकाफी साबित हुए।

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नहर की मरम्मत के चलते प्लांट को पानी नहीं मिला। बुधवार सुबह भी पानी नहीं मिल पाएगा। नहर का कार्य पूरा होने पर बुधवार शाम तक घरों में पानी पहुंच जाएगा।
-रवि लोशाली, अधिशासी अभियंता, जल संस्थान


सितंबर में हुई बारिश से गौला नदी से नहर में काफी सिल्ट आ गई थी। इस वजह से भी नहर में काफी कम पानी सप्लाई किया जा रहा था और इसका सीधा असर शीशमहल फिल्टर प्लांट की जलशोधन क्षमता पर पड़ रहा था। यह प्लांट रोजाना 35 एमएलडी पेयजल मुहैया करा सकता है, मगर नहर कमजोर होने और सिल्ट भरने के कारण पानी सप्लाई कम होने के कारण 20 एमएलडी पानी ही लोगों तक पहुंचाया जा पा रहा था। इससे पेयजल योजना के अंतिम छोर के इलाकों में पानी की समस्या एक महीने से बनी हुई है। जगदंबानगर, कुल्यालपुरा, मुखानी समेत अन्य हिस्सों में यह संकट ज्यादा है।

गौला नदी से शहर को मिलने वाले पानी के अलावा शेष जलापूर्ति नलकूपों पर निर्भर है। विद्युत अनुरक्षण के कार्यों के चलते शहर और ग्रामीण क्षेत्रों में लगातार हो रही रोस्टिंग से नलकूपों का संचालन भी प्रभावित है। मंगलवार को लालकुआं, धौलखेड़ा, फूलचौड़, पंचायत घर, धनपुरी, संगमविहार आदि इलाकों में नलकूपों का संचालन प्रभावित रहा। त्योहारी सीजन के बीच विद्युत सुरक्षा के कार्य कराने के चलते बिजली कटौती से उपभोक्ताओं को पसीने छूट गए। मंगलवार को गार्डिंग कार्यों के चलते घोड़ानाला और हल्द्वानी फीडर से सुबह 10 बजे से दो बजे तक चार घंटे बिजली कटौती की गई।

लाइनों में फाल्ट बचाने के लिए पेड़ों की कंटाई-छंटाई कार्यों के चलते धनपुरी, संगम विहार, पंचायतघर और एवीआर फीडर से भी चार घंटे बिजली कटौती रही। वहीं ऊंचापुल में विद्युत लाइनों के शिफ्टिंग कार्यों के चलते भी लोगों को घंटो बिजली कटौती का सामना करना पड़ा। बुधवार को धौलाखेड़ा उपसंस्थान के सोयाबीन फीडर, फूलचौड़ उपसंस्थान के धनपुरी, संगम विहार और एवीआर फीडर, कठघरिया उपसंस्थान के फतेहपुर बसानी में सुबह 10 बजे से दो बजे तक चार घंटे की बिजली कटौती रहेगी।


पानी के संकट ने रुलाया...बिजली कटौती ने सताया, हल्द्वानी शहर में ढाई लाख की आबादी जल को तरसी... त्योहारी सीजन में पानी न आने से लोगों के जरूरी कामकाज प्रभावित रहे। पूरे दिन पानी की सप्लाई बंद रहने के कारण लोगों में जल संस्थान के खिलाफ नाराजगी भी उभर गई। हालात देखते हुए संस्थान ने कुछ इलाकों में टैंकर भेजे, मगर ये लोगों की प्यास बुझाने के लिए नाकाफी साबित हुए।

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