भुवन बिष्ट/देवभूमि समाचार
रानीखेत। उत्तराखंड में विधानसभा चुनाव शांतिपूर्वक निबट चुके हैं। सभी प्रत्याशीयों ने अपने अपने कार्यकर्ताओं के साथ कुछ आराम के पल बिता रहे हैं । सभी उम्मीदवारों ने चुनाव को सफल बनाने के लिए मतदाताओं का आभार भी व्यक्त किया। चुनाव संपन्न होने के साथ ही जहां एक ओर प्रत्याशी कुछ आराम के पल बिता रहे हैं वहीं सभी अपने अपने क्षेत्रों से जीत का दावा भी पेश कर रहे हैं।
हर पार्टी अपनी ही सरकार बनने का दावा पेश कर रही है अब यह तो दस मार्च को ही स्पष्ट हो पायेगा। लेकिन वास्तव में देखा जाय तो इस बार सभी का हार जीत का गणित गड़बडा़या हुआ है क्योंकि इस बार मतदाता साइलेंट मोड में ही है। मतदाता के साइलेंट मोड में होने से किसका पलड़ा भारी है यह समझ पाना भी कठिन हो रहा है।
हर प्रत्याशी के कार्यकर्ता अपने अपने उम्मीदवार के वोटों के जोड़ गणित में लगे हुए हैं लेकिन इस बार के चुनाव में मतदाता का साइलेंट नजर आना सभी उम्मीदवारों को असमंजस में डाल दे रहा है। जिससे सभी का चुनावी गणित गड़बडा़या हुआ है। इस बार के चुनाव में मतदान होने के बाद भी मतदाता बिल्कुल साइलेंट मोड में नजर आ रहा है।
चुनावी माहौल है तो ऐसे में सभी स्थानों पर विशेषकर दुकानों में जब लोग जुटते हैं और चर्चा होती है तो एक ही चर्चा है को बणौल विधायक, को बणौल विधायक अर्थात इस बार कौन विधायक बनेगा। यदि अलग अलग पार्टी के कार्यकर्ताओं को छोड़कर आम मतदाता की बात की जाय तो इस बार कोई भी खुलकर बोलने को तैयार नहीं है।
आम जन कहते हैं कि अब राजनीति में स्वार्थ हावी हो गया है। बहुत कुछ बदलाव अब आ चुका है। इस बार के चुनावों में डिजिटल माध्यमों का भरपूर उपयोग हुआ तो वहीं वर्चुअल माध्यम से रैलिया भी एक नया अनुभव उम्मीदवारों के लिए रहा।चुनावों के नतीजे अब दस मार्च को आयेंगे लेकिन तब तक चुनावी जोड़ गणित भी शुरू हो चुका है।
बाजारों दुकानों में आजकल चुनावी चर्चा का ही बोलबाला है और सभी जगह एक ही चर्चा है कि कौन बनेगा विधायक। को बणौल विधायक, को बणौल विधायक।
¤ प्रकाशन परिचय ¤
From »भुवन बिष्टलेखक एवं कविAddress »रानीखेत (उत्तराखंड)Publisher »देवभूमि समाचार, देहरादून (उत्तराखण्ड) |
---|