सुरंग के अंदर से आई आवाज: मेरा पेट नहीं भर रहा, मुझे जल्दी बाहर निकालो…
सुरंग के अंदर बस जीने लायक हवा है। कृष्णा ने कहा कि सुरंग में 41 आदमी कैद हैं। एक किलो बादाम में 40 आदमियों का पेट कैसे भरेगा। उन्होंने सरकार से जल्द से जल्द सुरंग में फंसे सभी मजदूरों को बाहर निकालने की अपील की।
उत्तरकाशी। मुजफ्फरपुर बिहार का रहने वाला दीपक कुमार भी सिलक्यारा सुरंग में फंसा है। शनिवार को दीपक के चाचा कृष्णा पटेल सिलक्यारा पहुंचे। पाइपलाइन के जरिए उनकी दीपक से बात करवाई गई। कृष्णा पटेल ने बताया कि दीपक कह रहा है कि उसका पेट नहीं भर रहा, उसे जल्दी बाहर निकालो। 20 वर्षीय दीपक कुमार सिलक्यारा सुरंग में फंसा 41वां श्रमिक है, जिसकी अब तक अंदर फंसे श्रमिकों में गिनती भी नहीं थी।
उसके साथियों ने कंपनी प्रबंधन को जानकारी दी कि हादसे के बाद से बूमर मशीन ऑपरेटर दीपक भी लापता है, वह भी सुरंग के अंदर फंसा है। शुरू में कंपनी प्रबंधन इससे इन्कार करता रहा, लेकिन शुक्रवार को कंपनी प्रबंधन ने जिला प्रशासन को दीपक के सुरंग में फंसे होने की जानकारी दी। वहीं साथियों की सूचना पर दीपक के चाचा कृष्णा पटेल सिलक्यारा पहुंचे।
पाइपलाइन के जरिए दीपक से बात करने के बाद कृषणा बाहर आए तो उनकी डबडबाई आंखें उनके दर्द को साफ बयां कर रही थी। कृष्णा ने बताया कि दीपक के पिता उच्च रक्तचाप के कारण यहां नहीं आ सके। दीपक से बात हुई है, उसने कहा कि उसका पेट नहीं भर रहा है।
सुरंग के अंदर बस जीने लायक हवा है। कृष्णा ने कहा कि सुरंग में 41 आदमी कैद हैं। एक किलो बादाम में 40 आदमियों का पेट कैसे भरेगा। उन्होंने सरकार से जल्द से जल्द सुरंग में फंसे सभी मजदूरों को बाहर निकालने की अपील की।
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