कोंच इंटरनेशनल फ़िल्म फेस्टिवल का वर्चुअल काव्य कुंभ का समापन
जो सुकून मां के आंचल में है दुनिया मे कही और नही : डॉ शम्भू पंवार
(देवभूमि समाचार)
नई दिल्ली। कोंच इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल द्वारा भास्कर सिंह ” माणिक” के संयोजन में 300 शहरों के 1121 से अधिक रचनाकारों के साथ आयोजित देश के सबसे बड़े वर्चुअल आयोजन कोच काव्य कुंभ 2021 का आयोजन किया गया।
आज काव्य कुम्भ के समापन समारोह के अंतिम सत्र में मुख्य अतिथि के रूप में राष्ट्रीय ख्याति नाम कवियत्री, लेखिका डॉ. निक्की शर्मा ,मुम्बई उपस्थित रही। अंतिम सत्र में देश के नामचीन रचनाकारों ने अपनी-अपनी बेहतरीन रचनाओं की प्रस्तुति देकर कार्यक्रम को बहुत शानदार और मनमोहक बना दिया ।
समापन सत्र में अंतरराष्ट्रीय लेखक, पत्रकार व साहित्यकार डॉ. शंभू पवार चिड़ावा ने मां पर अपनी रचना प्रस्तुत की –
जो सुकून मां के आंचल में है, दुनिया में कहीं और नहीं,
मां ईश्वर का रूप है,
मां एक एहसास है,
मां शब्द नहीं ग्रंथ है।
की शानदार प्रस्तुति देकर उपस्थित सभी रचनाकारों को भाव विभोर कर दिया। मुजफ्फरनगर की प्रसिद्ध कवियत्री वंदना भटनागर की रचना की पंक्तिया –
वक्त कभी किसी के लिए रुका ही नहीं,
राजा हो या रंक सगा किसी का हुआ ही नहीं
को बहुत पसंद किया गया। इस अवसर पर डॉ निक्की शर्मा ने भी मां पर आधारित बेहतरीन रचना प्रस्तुत की-
जीवन का सार है, मां जीवन का आधार है मां ,
कांटे राह पर चलती लाड़ उठाती है मां,
धारा में ममता में बह जाए वही सार है मां,
प्रेम सुधा बरसाती हर पल वही मूरत है मां
ने काफी दाद बटोरी। काव्य कुम्भ का संचालन कवयित्री अंजना सिंह ने बड़े मनमोहक व शानदार अंदाज में करते हुवे कार्यक्रम के चार चांद लगा दिए। आज काव्य कुम्भ में अंतिम दिन कवयित्री डॉ कल्पना सेठी , योग्यता वैष्णव,डॉ राजेश कुमार जैन , डॉ सोनी ,हंस राज हंस , अंजना सिंह ,वंदना आडवाणी ,ज्योति सिंह, सहित अन्य रचनाकारों ने बेमिशाल काव्य पाठ किया।
अंत मे आयोजन के सह प्रभारी चन्द्र प्रकाश गुप्त “चंद्र” ने काव्य कुम्भ के सफलतम आयोजन में भाग लेने वाले रचनाकारों का आभार व्यक्त किया।
from : डॉ. शम्भू पंवार (वरिष्ठ पत्रकार, लेखक, विचारक, नई दिल्ली)