उत्तरकाशी : अपना नाम नहीं लिख पाए जूनियर हाईस्कूल के छात्र
उत्तरकाशी : अपना नाम नहीं लिख पाए जूनियर हाईस्कूल के छात्र, प्राथमिक विद्यालय पौंटी के प्रधानाध्यापक विजेंद्र पाल व प्राथमिक विद्यालय डिंगाड़ी के प्रभारी प्रधानाध्यापक अतोल सिंह के विद्यालय में अनुपस्थित मिले।
पुरोला। पहाड़ों में सरकारी शिक्षा व्यवस्था की बदहाली की तस्वीर किसी से छुपी नहीं है। ताजा मामला विकासखंड पुरोला के सुदूरवर्ती सर बडियार क्षेत्र का है। पुरोला ब्लॉक शिक्षा अधिकारी अजीत भंडारी ने जब औचक निरीक्षण किया तो दो विद्यालयों में प्रधानाध्यापक अनुपस्थित मिले। बच्चों से सामान्य सवाल पूछे तो बच्चे कोई उत्तर नहीं दे पाए। यहां तक की जूनियर हाई स्कूल के बच्चे अपना नाम तक इंग्लिश में नहीं लिख पाए।
ब्लॉक शिक्षा अधिकारी अजीत भंडारी ने इस पर कड़ी नाराजगी जताई, साथ ही छह शिक्षकों का वेतन रोकने की संस्तुति की। वहीं स्कूलों में गैरहाजिर मिले दो प्रधानाध्यापकों पर विभागीय कार्रवाई करने की संस्तुति की। ब्लॉक शिक्षा अधिकारी अजीत भंडारी ने बताया कि उन्होंने सर बडियार पट्टी के प्राथमिक विद्यालय सर पौंटी किमडार डिंगाड़ी व जूनियर विद्यालय सर डिंगाड़ी का औचक निरीक्षण किया।
प्राथमिक विद्यालय पौंटी के प्रधानाध्यापक विजेंद्र पाल व प्राथमिक विद्यालय डिंगाड़ी के प्रभारी प्रधानाध्यापक अतोल सिंह के विद्यालय में अनुपस्थित मिले। जिसके विरुद्ध कार्रवाई की संस्तुति उच्च अधिकारियों से की गई है। वहीं जूनियर विद्यालय डिंगाड़ी, प्राथमिक विद्यालय डिंगाड़ी व पौंटी में शैक्षिक स्तर निम्न होने सहित आदि अनियमितताएं पाए जाने पर जूनियर विद्यालय डिंगाड़ी के तीन तथा प्राथमिक विद्यालय डिंगाड़ी के दो एवं प्राथमिक विद्यालय पौंटी के एक शिक्षक की वेतन रोकने के लिए संस्तुति की गई।
उन्होंने बताया कि डिंगाड़ी में विद्यालय भवन पुनर्निर्माण हेतु ग्रामीणों के साथ भूमि विवाद भी चल रहा है। इसको लेकर ग्रामीणों ने कई बार शिकायत भी की है। इस संबंध में रिपोर्ट जिला स्तर के अधिकारियों को भेजी गई है। वहीं उत्तराखंड के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं का अकादमिक विवरण अब एजुकेशन पोर्टल पर आनलाइन रहेगा। विद्यालयी शिक्षा महानिदेशक बंशीधर तिवारी ने बुधवार को पोर्टल का विधिवत उद्घाटन किया। अब एक क्लिक पर हर स्कूल और छात्र-छात्राओं की अकादमिक प्रगति देखी जा सकेगी।
छात्र-छात्राओं की प्रगति रिपोर्ट देखने के बाद स्कूल के शिक्षकों और जिम्मेदार अधिकारियों की जवाबदेही तय की जाएगी। महानिदेशक ने सभी जनपदों को छात्र-छात्राओं का जुलाई से नवंबर का पूरा विवरण समय पर अपलोड करने के निर्देश दिए हैं। इस मामले लापरवाही बरतने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। राज्य में विद्यालयी शिक्षा ने छात्र-छात्राओं के लिए एजुकेशन पोर्टल पर मासिक परीक्षा का नया साफ्टवेर तैयार किया है।
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