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उत्तराखंड के तीनों ऊर्जा निगमों द्वारा भेजे गए टैरिफ प्रस्तावों में कमियां पाए जाने पर विद्युत नियामक आयोग ने स्पष्टीकरण मांगा है और 17 दिसंबर तक बिंदुवार जवाब देने के निर्देश दिए हैं। प्रस्तावों पर जनसुनवाई और विश्लेषण के बाद नई बिजली दरें एक अप्रैल से लागू की जाएंगी।
- यूपीसीएल, यूजेवीएनएल और पिटकुल से 17 दिसंबर तक मांगा गया बिंदुवार जवाब
- बिजली दरों में औसतन 18.50 प्रतिशत बढ़ोतरी का प्रस्ताव जांच के घेरे में
- पहली बार यूजेवीएनएल ने ऋणात्मक टैरिफ प्रस्ताव किया पेश
- जनसुनवाई के बाद एक अप्रैल से लागू होंगी नई बिजली दरें
देहरादून। उत्तराखंड के ऊर्जा क्षेत्र में बिजली दरों को लेकर महत्वपूर्ण प्रक्रिया शुरू हो गई है। प्रदेश के तीनों ऊर्जा निगम—उत्तराखंड पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड (यूपीसीएल), उत्तराखंड जल विद्युत निगम लिमिटेड (यूजेवीएनएल) और पावर ट्रांसमिशन कॉरपोरेशन ऑफ उत्तराखंड लिमिटेड (पिटकुल)—द्वारा नियामक आयोग को भेजे गए टैरिफ प्रस्तावों में कुछ कमियां पाई गई हैं। इन कमियों को लेकर उत्तराखंड विद्युत नियामक आयोग ने तीनों निगमों से स्पष्टीकरण मांगा है।
नियामक आयोग ने पत्र जारी कर स्पष्ट किया है कि प्रस्तुत किए गए टैरिफ प्रस्तावों के कई बिंदुओं पर जानकारी अधूरी या अस्पष्ट है। आयोग ने इन सभी बिंदुओं पर 17 दिसंबर तक विस्तृत और बिंदुवार जवाब प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं, ताकि प्रस्तावों का सही आकलन किया जा सके। इस बार ऊर्जा निगमों ने जो टैरिफ प्रस्ताव प्रस्तुत किए हैं, उनके अनुसार बिजली दरों में कुल मिलाकर लगभग 18.50 प्रतिशत बढ़ोतरी का अनुमान जताया गया है। यूपीसीएल ने 16.23 प्रतिशत वृद्धि का प्रस्ताव दिया है, जबकि पिटकुल ने करीब तीन प्रतिशत बढ़ोतरी का सुझाव रखा है।
वहीं, पहली बार यूजेवीएनएल ने माइनस 1.2 प्रतिशत का ऋणात्मक टैरिफ प्रस्ताव पेश किया है, जिसने नियामक आयोग के अधिकारियों को भी चौंका दिया है। प्रक्रिया के तहत यूजेवीएनएल और पिटकुल ने 30 नवंबर से पहले ही अपने टैरिफ प्रस्ताव नियामक आयोग को सौंप दिए थे, जबकि यूपीसीएल ने करीब नौ दिसंबर को अपना प्रस्ताव प्रस्तुत किया। प्रस्तावों का प्रारंभिक अध्ययन करने के बाद आयोग ने आवश्यक स्पष्टीकरण मांगे हैं। आयोग के अधिकारियों के अनुसार, सभी जरूरी जानकारियां मिलने के बाद ऊर्जा निगमों की औपचारिक याचिकाएं दायर की जाएंगी।
इसके बाद फरवरी माह में टैरिफ प्रस्तावों पर जनसुनवाई आयोजित की जाएगी, जिसमें उपभोक्ताओं, विशेषज्ञों और अन्य हितधारकों से सुझाव और आपत्तियां आमंत्रित की जाएंगी। जनसुनवाई और विस्तृत विश्लेषण की प्रक्रिया पूरी होने के बाद नियामक आयोग वित्तीय वर्ष 2026–27 के लिए अंतिम टैरिफ तय करेगा। आयोग ने स्पष्ट किया है कि नई बिजली दरें एक अप्रैल से लागू होंगी। विशेष रूप से यूजेवीएनएल के ऋणात्मक टैरिफ प्रस्ताव को लेकर आयोग में मंथन चल रहा है।
ऋणात्मक टैरिफ का अर्थ यह है कि निगम किसी भी प्रकार की दर वृद्धि का दावा नहीं कर रहा है, जो अब तक की परंपरा से अलग है। इस प्रस्ताव के पीछे के वित्तीय और तकनीकी आधारों को लेकर आयोग गंभीरता से परीक्षण कर रहा है। ऊर्जा विशेषज्ञों का मानना है कि टैरिफ प्रस्तावों की यह प्रक्रिया उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा के लिए अहम है, क्योंकि इसी के आधार पर तय होगा कि आगामी वर्ष में बिजली दरों का बोझ आम जनता पर कितना पड़ेगा।





