
देहरादून। उत्तराखंड इस साल फिर प्राकृतिक आपदा का बड़ा दंश झेल रहा है। प्रदेश में आई भारी बारिश, भूस्खलन और बाढ़ जैसी आपदाओं ने जहां जनजीवन अस्त-व्यस्त किया, वहीं सरकारी ढांचे और निजी संपत्तियों को भी भारी नुकसान पहुंचाया। आपदा प्रबंधन विभाग के ताज़ा आकलन के अनुसार, अप्रैल 2025 से लेकर अगस्त 2025 के बीच राज्य को लगभग 5702.15 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।
इस भारी क्षति की भरपाई के लिए राज्य सरकार ने गृह मंत्रालय को पत्र लिखकर विशेष आर्थिक पैकेज की मांग की है। आपदा से सबसे अधिक प्रभावित विभाग लोक निर्माण विभाग रहा। बारिश और भूस्खलन से कई राष्ट्रीय और राज्यीय राजमार्ग टूट-फूट गए। पहाड़ी इलाकों में संपर्क मार्गों के टूटने से गांवों का संपर्क पूरी तरह से कट गया।
- लोक निर्माण विभाग को लगभग 1163.84 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।
- सिंचाई विभाग की संपत्तियां और नहरें टूटने से 266.65 करोड़ का नुकसान।
- ऊर्जा विभाग की लाइनों और बिजली घरों को 123.17 करोड़ रुपये की क्षति हुई।
- विद्यालयी शिक्षा विभाग को 68.28 करोड़, जबकि उच्च शिक्षा को 9.04 करोड़ रुपये का नुकसान उठाना पड़ा।
- स्वास्थ्य सेवाएं भी अछूती नहीं रहीं, जहां बुनियादी ढांचे को 4.57 करोड़ रुपये की हानि हुई।
इसके अलावा मत्स्य विभाग, ग्राम्य विकास, शहरी विकास, पशुपालन और अन्य विभागों की संपत्तियां भी बुरी तरह क्षतिग्रस्त हुईं। सभी सरकारी विभागों को जोड़कर 1944.15 करोड़ रुपये का सीधा नुकसान दर्ज किया गया है।
राज्य ने मांगा 5702 करोड़ का पैकेज
आपदा प्रबंधन सचिव विनोद कुमार सुमन ने बताया कि राज्य सरकार ने गृह मंत्रालय से कुल 5702.15 करोड़ रुपये की विशेष सहायता का अनुरोध किया है। इसमें से 1944.15 करोड़ रुपये पुनर्निर्माण और मरम्मत के लिए, जबकि शेष 3758 करोड़ रुपये भविष्य की आपदाओं से बचाव, सड़क और अन्य संरचनाओं को स्थिर करने और सुरक्षा उपायों पर खर्च करने का प्रस्ताव है। इस आपदा में इंसानी और पशु जीवन दोनों को बड़ी क्षति पहुंची है।
- 79 लोगों की मौत हो चुकी है।
- 90 लोग अब भी लापता बताए जा रहे हैं।
- 115 लोग घायल हुए हैं।
- मकानों की स्थिति बेहद चिंताजनक है। अब तक 238 पक्के और 2 कच्चे मकान पूरी तरह ध्वस्त, जबकि 3237 मकान आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त पाए गए हैं।
- आपदा में 3953 छोटे-बड़े पशुओं की मौत भी दर्ज की गई है, जिससे ग्रामीणों की आजीविका पर गहरा असर पड़ा है।
व्यापारिक और पर्यटन ढांचा भी प्रभावित
आपदा से सिर्फ सरकारी ढांचे ही नहीं, बल्कि राज्य की अर्थव्यवस्था पर भी सीधा असर पड़ा है। बड़ी संख्या में व्यावसायिक भवन, दुकानें, होटल, होमस्टे और रेस्टोरेंट क्षतिग्रस्त हुए हैं। उत्तराखंड की अर्थव्यवस्था का बड़ा हिस्सा पर्यटन और तीर्थाटन पर टिका हुआ है, ऐसे में यह नुकसान राज्य की आर्थिक स्थिति को और कमजोर कर सकता है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा है कि आपदा से प्रभावित परिवारों की हरसंभव मदद की जाएगी। सरकार केंद्र से अपेक्षित सहयोग मिलने की उम्मीद कर रही है। इसके साथ ही राज्य सरकार आने वाले समय में आपदाओं से निपटने के लिए और मजबूत पूर्व चेतावनी प्रणाली, सुरक्षित आवास निर्माण और स्थायी सड़क व्यवस्था पर काम करेगी।