देहरादून | उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (UKSSSC) की स्नातक स्तरीय परीक्षा में पेपर लीक प्रकरण को लेकर राजधानी देहरादून में बेरोजगारों का धरना लगातार चौथे दिन भी जारी रहा। सरकार द्वारा जांच और कार्रवाई के आश्वासन के बावजूद युवा आंदोलनरत हैं और अब उन्हें कांग्रेस पार्टी का खुला समर्थन भी मिल गया है।
कांग्रेस का समर्थन
गुरुवार को धरना स्थल पर पहुंचे प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ उपाध्यक्ष (संगठन) सूर्यकांत धस्माना ने कहा कि कांग्रेस पार्टी बेरोजगार युवाओं के साथ मजबूती से खड़ी है।
- उन्होंने यह समर्थन प्रदेश अध्यक्ष करण माहरा और पार्टी के शीर्ष नेतृत्व की ओर से दिया।
- धस्माना ने कहा, “पिछले साढ़े आठ साल से भाजपा राज में राज्य के विभागों में भर्तियां ठप हैं। और जहां परीक्षा होती है, वहां पेपर लीक हो जाता है। यह युवाओं के साथ सीधा धोखा है।”
- उनका आरोप था कि भाजपा सरकार नकल और भर्ती घोटालों में शामिल लोगों को बचाने की कोशिश कर रही है।
युवाओं की मांग: सीबीआई जांच
बेरोजगार युवाओं की मुख्य मांग है कि इस मामले की जांच सीबीआई से हाईकोर्ट के सिटिंग जज की निगरानी में कराई जाए।
- कांग्रेस का कहना है कि उसने पहले दिन से ही यह मांग उठाई थी।
- धस्माना ने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार इसलिए सीबीआई जांच से पीछे हट रही है क्योंकि घोटालों में भाजपा नेताओं के नाम भी सामने आ सकते हैं।
- उन्होंने कहा कि पेपर लीक और नकल माफिया ने राज्य के युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया है।
सरकार का रुख
इस बीच, राज्य सरकार ने मामले की जांच के लिए सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति बी.एस. वर्मा की निगरानी में एसआईटी गठित कर दी है। लेकिन प्रदर्शनकारी बेरोजगारों और विपक्षी दलों को यह कदम नाकाफी लग रहा है। उनका कहना है कि जब तक सीबीआई जांच नहीं होती, तब तक आंदोलन जारी रहेगा।
कांग्रेस का आगे का आंदोलन
धस्माना ने बेरोजगार युवाओं को आश्वस्त करते हुए कहा कि कांग्रेस इस लड़ाई को पूरी ताकत से लड़ेगी।
- शुक्रवार को राज्यभर के जिला मुख्यालयों पर धरना दिया जाएगा।
- इसके बाद भी मांगें पूरी नहीं हुईं तो मुख्यमंत्री आवास और राज्यपाल आवास कूच किया जाएगा।
धरने के दौरान सरदार अमरजीत सिंह, जगदीश धीमान, राजेंद्र शाह, डॉ. प्रतिमा सिंह, शीशपाल सिंह बिष्ट, दिनेश कौशल, राजेश उनियाल सहित कई नेता मौजूद रहे।