
देहरादून। मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने उत्तराखंड के समग्र विकास की दिशा में एक और बड़ा कदम उठाते हुए राज्य के प्रत्येक जिले में दो-दो आदर्श गांव विकसित करने के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री आवास में सोमवार को आयोजित उच्च स्तरीय बैठक में यह निर्णय लिया गया। उन्होंने कहा कि ये गांव सारकोट मॉडल की तर्ज पर विकसित किए जाएंगे, जिनमें समग्र सामाजिक और आर्थिक विकास, आजीविका संवर्द्धन और स्थानीय संस्कृति के संरक्षण पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि ये आदर्श गांव कृषि, बागवानी, पशुपालन, मौनपालन, मशरूम उत्पादन, डेयरी विकास जैसे संभावनाशील क्षेत्रों में आत्मनिर्भरता की मिसाल बनेंगे। गांवों को सौर ऊर्जा से रोशन करने, स्थानीय उत्पादों के विपणन की व्यवस्था करने और स्वयं सहायता समूहों को प्रोत्साहन देकर आर्थिक विकास को गति देने की भी योजना है। बैठक में चारधाम यात्रा मार्गों पर कानून-व्यवस्था के सख्त अनुपालन के निर्देश देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि धामों और यात्रा मार्गों पर अवांछित गतिविधियों में संलिप्त तत्वों पर कठोर कार्रवाई की जाएगी।
उन्होंने स्पिरिचुअल इकोनॉमिक ज़ोन की स्थापना के लिए शीघ्र स्थान चिन्हित करने और साहसिक पर्यटन को बढ़ावा देने हेतु नए पर्यटन डेस्टिनेशन विकसित करने के भी निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि हनोल और जागेश्वर मास्टर प्लान तथा हरिपुर कालसी घाट निर्माण योजना पर तीव्र गति से काम हो। पर्यटन ढांचे को मजबूत करने के लिए उन्होंने अल्पकालिक, मध्यकालिक और दीर्घकालिक योजनाएं तैयार करने का सुझाव दिया।
साथ ही यात्रा मार्गों से लगे गांवों को होमस्टे योजना से लाभान्वित करने और स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर सृजित करने पर भी विशेष ध्यान देने को कहा। बैठक में सचिव श्री शैलेश बगोली, श्री विनय शंकर पांडेय, श्री धीराज गर्ब्याल, अपर पुलिस महानिदेशक श्री ए.पी. अंशुमान, और सूचना महानिदेशक श्री बंशीधर तिवारी उपस्थित रहे। मुख्यमंत्री धामी ने अधिकारियों से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के “विकसित भारत” विजन के अनुरूप “विकसित उत्तराखंड” के निर्माण में पूरी प्रतिबद्धता और तेजी से कार्य करने का आह्वान किया।