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व्हाइट हाउस में किसानों संग हुई बैठक के दौरान लुइसियाना की राइस मिल की CEO की शिकायत पर ट्रंप ने भारत, चीन और थाईलैंड पर चावल डंपिंग का आरोप लगाते हुए नए और दोगुने टैरिफ लगाने की धमकी दी। अमेरिकी राष्ट्रपति के इस बयान से भारत-अमेरिका ट्रेड संबंधों में एक बार फिर तनाव बढ़ने के संकेत मिले हैं।
- व्हाइट हाउस बैठक में ट्रंप बरसे, भारत-चीन-थाईलैंड पर डंपिंग का आरोप
- अमेरिकी महिला CEO की शिकायत ने बढ़ाया तनाव, भारत के चावल पर निशाना
- ट्रेड वार की आहट: ट्रंप ने कहा—भारत को टैरिफ देना ही होगा
- अमेरिकी किसानों ने कहा—डंपिंग बढ़ी, ट्रंप ने कहा—“लिख लो स्कॉट, कार्रवाई करो”
नई दिल्ली। अमेरिका और भारत के बीच व्यापारिक तनाव एक बार फिर गहराता दिखाई दे रहा है। व्हाइट हाउस में अमेरिकी किसानों के साथ हुई बैठक के दौरान राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का गुस्सा अचानक भड़क उठा, जब लुइसियाना की एक राइस मिल की सीईओ मेरिल कैनेडी ने उनसे शिकायत की कि भारत, चीन और थाईलैंड जैसे देश अमेरिका में बेहद कम दामों पर चावल भेजकर अमेरिकी किसानों को भारी नुकसान पहुँचा रहे हैं। कैनेडी की शिकायत ने जैसे ही हालात समझाए, ट्रंप का माथा ठनक गया और उन्होंने उसी समय संकेत दे दिया कि भारतीय चावल सहित कई कृषि उत्पादों पर जल्द ही नए और संभवतः दोगुने टैरिफ लगाए जा सकते हैं।
बैठक के दौरान मेरिल कैनेडी ने बताया कि चीनी चावल सीधे अमेरिका नहीं आ रहा, बल्कि प्यूर्टो रिको होते हुए दक्षिणी अमेरिकी बाजारों में प्रवेश कर रहा है, जिससे अमेरिकी किसानों पर दोहरी मार पड़ रही है। कैनेडी ने साफ शब्दों में कहा कि मौजूदा टैरिफ मदद तो कर रहे हैं, लेकिन उन्हें दोगुना करने की जरूरत है। इस पर ट्रंप चौंके और तुरंत पूछा—“आप और टैरिफ चाहती हैं?” जवाब मिलने पर ट्रंप ने गुस्से में कहा कि इन देशों को ‘डंपिंग’ नहीं करनी चाहिए और ऐसा करने पर उन्हें कीमत चुकानी होगी।
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ट्रंप ने बिना देर किए ट्रेजरी सेक्रेटरी स्कॉट बेसेंट को निर्देश दिए कि किसानों द्वारा बताई गई डंपिंग करने वाले देशों—भारत, चीन और थाईलैंड—के खिलाफ तुरंत नोट तैयार किया जाए। ट्रंप ने यह तक पूछा कि क्या भारत को किसी तरह की छूट मिली हुई है? इस पर स्कॉट बेसेंट ने जवाब दिया कि नहीं, अभी सौदा वार्ता में है। ट्रंप ने फिर तीखे स्वर में कहा कि उन्हें अमेरिकी बाजार में डंपिंग करने की अनुमति नहीं दी जा सकती, उन्हें टैरिफ देना ही होगा।
बैठक के दौरान जब कैनेडी ने यह समझाना शुरू किया कि भारत अपने चावल उद्योग को भारी सब्सिडी देकर सस्ते दाम पर निर्यात करता है, तो ट्रंप ने उन्हें बीच में ही रोक दिया। उन्होंने कहा—“ठीक है, बताइए कौन-कौन देश? भारत—और कौन? लिख लो स्कॉट।” इसके बाद स्कॉट बेसेंट ने भारत, थाईलैंड और चीन को डंपिंग के मुख्य स्रोतों के रूप में सूचीबद्ध किया। ट्रंप का यह बयान ऐसे समय आया है जब वैश्विक व्यापार तनाव पहले से ही बढ़ा हुआ है और अमेरिका अपनी कृषि नीति को राजनीतिक हथियार की तरह इस्तेमाल करता हुआ दिखाई देता है।
अमेरिका दुनिया की सबसे बड़ी कृषि सब्सिडी देने वाला देश है, लेकिन अन्य देशों की सब्सिडी को वह व्यापारिक खतरा बताकर कठोर कदम उठाने पर उतर आता है। इस विवाद में भारत का नाम प्रमुख रूप से आने से आने वाले समय में भारत-अमेरिका व्यापार वार्ताओं पर इसका प्रभाव पड़ना तय माना जा रहा है। ट्रंप की यह चेतावनी संकेत देती है कि यदि भारत और अमेरिका के बीच चावल सहित अन्य कृषि उत्पादों पर सहमति नहीं बनती, तो स्थिति एक नई ट्रेड वॉर की शुरुआत का रूप ले सकती है।








