
सुनील कुमार
मुरली वाले हम भक्त तुम्हारे, बेआस-बेसहारे
लो हम तो आ गए अब शरण में तुम्हारे
मुरली वाले हम भक्त तुम्हारे-2
मुफलिस गरीब हम हैं औकात क्या हमारी
आन पड़ी हम पर आज विपदा भारी
मझधार में पड़े हैं मिलते नहीं किनारे
मुरली वाले हम भक्त तुम्हारे-2
लो हम तो आ गए अब शरण में तुम्हारे
मुरली वाले हम भक्त तुम्हारे-2
तेरी दया से चलती है दुनिया सारी
इक तुम ही हो दाता सारा जग है भिखारी
हम पर दया जो कर दो बन जाए बिगड़ी हमारी
मुरली वाले हम भक्त तुम्हारे, बेआस-बेसहारे
लो हम तो आ गए अब शरण में तुम्हारे
मुरली वाले हम भक्त तुम्हारे-2
दर से न तेरे लौटा कोई ले के
झोली खाली
हम पर भी दया कर दो हे चक्रधारी
बिगड़ी मेरी भी बना दो इतनी अरज हमारी
दर पर तेरे खड़े हैं ले के झोली खाली
झोली मेरी भी भर दो हे सुदर्शन धारी।
¤ प्रकाशन परिचय ¤
![]() | From »सुनील कुमारलेखक एवं कविAddress »ग्राम : फुटहा कुआं, निकट पुलिस लाइन, जिला : बहराइच, उत्तर प्रदेश | मो : 6388172360Publisher »देवभूमि समाचार, देहरादून (उत्तराखण्ड) |
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