पंजाब के किसान की हलचल…
ओम प्रकाश उनियाल (स्वतंत्र पत्रकार)
पंजाब में किसान आंदोलन फिर से मुखर होने लगा है। अब तक दिल्ली में किसानों का जो आंदोलन चला वह कृषि कानून को रद्द करने को लेकर चला था। जिसमें पंजाब के अलावा अन्य राज्यों के किसानों ने भी शिरकत की थी। यह आंदोलन लंबे समय तक चला।
बाद में सरकार ने तीनों कृषि बिल रद्द किए और किसानों ने आंदोलन खत्म किया। लेकिन अब पंजाब में किसान फिर आंदोलन की राह पर उतरे हुए हैं। किसान -मजदूर संघर्ष कमेटी, पंजाब के बैनर तले किसानों ने कई मांगों को लेकर अमृतसर और जालंधर में रेल ट्रेक पर बैठकर अनिश्चितकालीन धरना शुरु किया। जिसके कारण कई ट्रेन प्रभावित हुई। यात्रियों को परेशानी झेलनी पड़ी।
किसानों की प्रमुख मांगों में कर्जमाफी करने, किसानों के उत्पाद दर डॉ. स्वामीनाथ की रिपोर्ट के अनुसार तय करने, निजी कंपनियों के साथ किए बिजली के समझौते को रद्द करने, किसानों पर दर्ज मामले वापस लेने व आंदोलन में मृत किसानों के आश्रितों के परिवार से एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने एवं मुआवजा देने, गन्ना का पिछला भुगतान नयी दर के अनुसार करने आदि हैं।
पंजाब में अगले साल विधानसभा चुनाव भी। किसान सरकार क गले की फांस बन सकते हैं। चुनाव स पहले किसान अपना टेढा रुख अपनाने लगे हैं। प्रदेश में वर्तमान में कांग्रेस की सरकार है। जिसका भविष्य पहले ही दांव पर लगा हुआ है। किसानों ने सरकार की दुखती रग पर हाथ रख दिया है।
यदि किसानों की मांग नहीं मानी जाती तो आगामी चुनाव में कांग्रेस का किसान-मजदूर वोट काफी खिसक सकता है। किसानों को चाहिए कि बेशक आंदोलन चलाएं लेकिन आम नागरिक को किसी प्रकार की परेशानी न उठानी पड़े इस बात का ध्यान जरूर रखें।
¤ प्रकाशन परिचय ¤
From »ओम प्रकाश उनियाललेखक एवं स्वतंत्र पत्रकारAddress »कारगी ग्रांट, देहरादून (उत्तराखण्ड)Publisher »देवभूमि समाचार, देहरादून (उत्तराखण्ड) |
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