देश में महिलाओं की इज्जत आबरू और मणिपुर की सड़कों पर बदमाशों का आंदोलन
देश में महिलाओं की इज्जत आबरू और मणिपुर की सड़कों पर बदमाशों का आंदोलन, यह खुशी की बात है कि नरेंद्र मोदी सरकार ने मणिपुर के उन बदमाशों को केन्द्रीय सुरक्षा बलों के मार्फत गिरफ्तार करवाया है। निर्दोष महिलाओं का अपमान करने वाले इन बदमाशों को कड़ी से कड़ी सजा दी जानी चाहिए। # राजीव कुमार झा
आखिर एक तबके के लोग जब कोई जुलूस निकालते हैं तो इसका यह मतलब नहीं है कि वे दूसरे तबके के लोगों का अपमान करें और रास्ते से गुजरती अन्य तबकों की महिलाओं को नग्न करके उन्हें अपने जुलूस में आगे करके वे फिर अपने आक्रोश की वीभत्सता का प्रदर्शन करें। जुलूस में ऐसा काम किसी सर्वसम्मति से नहीं होता और यह उसमें शामिल बदमाशों की अपनी एक शेखी होती है लेकिन यह गंभीर मसला है और मणिपुर के संदर्भ में हमें इन बातों पर गौर करना चाहिए।
ऐसे तौर तरीकों को अपनाकर दूसरे राज्यों में भी लोग आंदोलन की आड़ में अपने इन कुकृत्यों की सफाई दे सकते हैं। कश्मीर में बदमाश मुसलमानों की कुछ ऐसी ही घृणित वारदातों से भयभीत होकर कश्मीरी पंडित वहां से भाग खड़े हुए। देश के दूसरे हिस्सों के मुसलमान इसके बारे में क्या सोचते हैं मुझे नहीं पता है। आंदोलन अगर सड़कों पर होते हैं तो सड़क के कानून को सारे देश में लागू किया जाना चाहिए और यहां देश की इज्जत को लूटने वालों को सरेआम पुलिस को गोली मारने का आदेश फिर क्यों नहीं प्राप्त है!
आरक्षण को लेकर हार्दिक पटेल ने गुजरात में खूब तमाशा किया और राजस्थान में भी जाट गुजर इसे लेकर आंदोलन करते हैं। आरक्षण आज राजनीति का सबसे बड़ा उपकरण बन गया। इसे निजी क्षेत्र में भी लागू करने की मांग की जाती है और सरकार को इसे खत्म कर देना चाहिए क्योंकि लोकतंत्र में समता की संकल्पना पर यह गहरी चोट करता है। देश की शिक्षा को सबल बनाकर योग्यता के मापदंड पर ही सबको समान रूप से नौकरी या अन्य कार्यों में भागीदारी का मौका मिलना चाहिए।
मंडल कमीशन की सिफारिश लागू होने के बाद पटना के गांधी मैदान में लालू प्रसाद ने जो रैला करवाया था उसे देखने गोपाल जी और अपने मंझले भाई संजीव कुमार झा के साथ मैं गया था और हम लोगों को ब्राह्मण समझकर वहां यादव , नाई और कहार पीने के पानी की टंकियों के पास से भगा दिया करते थे। हमलोगों के साथ रामबालक सिंह के चचेरे भाई उमाकांत सिंह भी थे और उनके साथ हमलोगों ने होटल में जाकर खाना खाया और पानी पिया।
हमारे देश में ऊंची जाति के लोगों को आरक्षण प्राप्त नहीं है और लिहाजा इस तबके के लोग कई तरह के लाभों से वंचित हैं लेकिन इस तबके के लोग कोई आंदोलन नहीं करते। मोदी सरकार ने ऊंची जातियों के गरीब लोगों को आरक्षण देने का एक नाटक कुछ साल पहले खेला था लेकिन उस समय विजय कुमार सिन्हा ने इसकी सच्चाई का पर्दाफाश करना जरूरी नहीं समझा। मणिपुर में मैतेई समुदाय के लोग आरक्षण के नाम पर खूब तमाशा कर रहे हैं और बिहार में ऐसे ही यादवों ने विश्वनाथ प्रताप सिंह सरकार के द्वारा आरक्षण देने के बाद किया था।
पटना में लालू प्रसाद रैला करवाते थे और यादव लोग लौंडा सबको अपने जत्थे में नचवाते हुए गांधी मैदान आते थे लेकिन मणिपुर में आरक्षण मिलने और नहीं मिलने का उत्सव मैतेई और कूकी समुदाय के लोग अलग तरीके से मना रहे हैं। यह खुशी की बात है कि नरेंद्र मोदी सरकार ने मणिपुर के उन बदमाशों को केन्द्रीय सुरक्षा बलों के मार्फत गिरफ्तार करवाया है। निर्दोष महिलाओं का अपमान करने वाले इन बदमाशों को कड़ी से कड़ी सजा दी जानी चाहिए।
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