उत्तराखण्ड समाचार

धामी मंत्रिमंडल में फेरबदल की सुगबुगाहट हुई तेज

हाईकमान ने मांगा मंत्रियों का रिपोर्ट कार्ड

धामी मंत्रिमंडल में फेरबदल की सुगबुगाहट हुई तेज… इसके अलावा अगले वर्ष होने वाले लोकसभा चुनाव में राज्य की पांचों सीटों पर हैट्रिक बनाने की चुनौती भी भाजपा संगठन व सरकार के सामने है। 

देहरादून। भाजपा की मिशन-2024 की तैयारियों के बीच धामी मंत्रिमंडल में फेरबदल की सुगबुगाहट महसूस की जाने लगी है। मंत्रिमंडल के विस्तार व फेरबदल में प्रदर्शन आधार बना तो कुछ मंत्रियों की छुट्टी हो सकती है। चर्चा है कि भाजपा हाईकमान ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से उनके मंत्रियों का रिपोर्ट कार्ड मांगा है।

पार्टी के 30 जून तक चलने वाले महा जनसंपर्क अभियान के बाद केंद्रीय नेतृत्व के साथ बैठक प्रस्तावित है, जिसमें इस विषय पर चर्चा की संभावना जताई जा रही है। इसके बाद मंत्रिमंडल विस्तार और फेरबदल हो सकता है।

धामी मंत्रिमंडल ने पिछले वर्ष जब शपथ ली थी, तब तीन मंत्री पद रिक्त रखे गए थे। कहा गया था कि इन्हें भी जल्द भरा जाएगा, लेकिन ऐसा हुआ नहीं। इस बीच कैबिनेट मंत्री चंदन राम दास के निधन के कारण मंत्रिमंडल में रिक्त पदों की संख्या चार हो गई। वैसे भी छोटा राज्य होने के कारण यहां मंत्रिमंडल का आकार मुख्यमंत्री समेत 12 सदस्यीय है, लेकिन-एक तिहाई मंत्री पद खाली चल रहे हैं। ऐसे में विभागों के कामकाज पर असर पड़ना स्वाभाविक है।

यही नहीं, सरकार ने वर्ष 2025 तक उत्तराखंड को श्रेष्ठ राज्य बनाने का लक्ष्य रखा है। इस परिस्थिति में मंत्रियों का प्रदर्शन महत्वपूर्ण हो जाता है, जिन्हें मशीनरी को इस हिसाब से दौड़ाना है। मंत्रियों की संख्या वर्तमान में केवल सात होने के कारण उनके पास कई-कई विभागों का जिम्मा है। ऐसे में उनके सामने विभागों को गति देते हुए निर्धारित लक्ष्यों को हासिल करने की चुनौती है।

इसके अलावा अगले वर्ष होने वाले लोकसभा चुनाव में राज्य की पांचों सीटों पर हैट्रिक बनाने की चुनौती भी भाजपा संगठन व सरकार के सामने है। इन सब परिस्थितियों को देखते हुए अब धामी मंत्रिमंडल के विस्तार व फेरबदल की चर्चा तेज हुई है। हालिया दिनों में मुख्यमंत्री की केंद्रीय नेताओं से मुलाकात को इससे जोड़कर देखा जा रहा है। माना जा रहा है कि पार्टी हाईकमान ने मुख्यमंत्री से सभी मंत्रियों का रिपोर्ट कार्ड तलब किया है।

मुख्यमंत्री धामी ने भी संकेत दिए कि महा जनसंपर्क अभियान के बाद केंद्रीय नेतृत्व से सभी विषयों पर विमर्श होगा। माना जा रहा है कि मंत्रियों के कामकाज को कसौटी पर परखने पर दो-तीन मंत्रियों पर गाज गिर सकती है, जबकि कुछ नए चेहरे मंत्रिमंडल में शामिल हो सकते हैं। यद्यपि, फेरबदल को लेकर पार्टी के सामने चुनौतियां भी कम नहीं रहेगी। इसमें क्षेत्रीय, जातीय समेत सभी समीकरणों को साधना होगा।



वर्तमान मंत्रिमंडल में हरिद्वार, चमोली, रुद्रप्रयाग, उत्तरकाशी, बागेश्वर, पिथौरागढ़ व नैनीताल जिलों का प्रतिनिधित्व नहीं है। यही नहीं, राज्य का अब तक का राजनीतिक परिदृश्य तो बताता है कि हाईकमान तक पहुंच रखने वालों को हटाना प्रत्येक मुख्यमंत्री के लिए चुनौतीपूर्ण रहा है।

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