डाक व्यवस्था चरमराई, जनता परेशान
डाक व्यवस्था चरमराई, जनता परेशान… साहित्यकार सुनील कुमार माथुर ने बताया कि डाकघर से संपर्क करें तो जवाब है कि जब दूसरी डाक आप तक पहुंच रही है तो हम कहां रोक रहे हैं। गत 27 सितम्बर 2024 को राजसमन्द से पोस्ट की गई पत्रिका आज दिन तक जोधपुर में संबंधित व्यक्ति तक नहीं पहुंची। #(कार्यालय संवाददाता)
जोधपुर। डाक विभाग एक बहुत बड़ा विभाग हैं जिस पर आम जनता आंख मूंद कर विश्वास करती हैं और अपनी डाक पोस्ट कर यह सोचती है कि डाक समय पर संबंधित व्यक्ति तक पहुंच जायेगी, लेकिन जनता-जनार्दन की ऐसी सोच ने डाक विभाग को निष्क्रिय बना दिया। नतीजन डाक गायब होने लग गई। डाक पोस्ट करने के बाद कहां गायब हुई कोई बताने वाला नहीं है।
साहित्यकार सुनील कुमार माथुर ने बताया कि डाकघर से संपर्क करें तो जवाब है कि जब दूसरी डाक आप तक पहुंच रही है तो हम कहां रोक रहे हैं। गत 27 सितम्बर 2024 को राजसमन्द से पोस्ट की गई पत्रिका आज दिन तक जोधपुर में संबंधित व्यक्ति तक नहीं पहुंची। इसी प्रकार लखनऊ से 8 अक्टूबर को पोस्ट की गई पत्रिका आज दिन तक संबंधित व्यक्ति तक नहीं पहुंची यह कैसी विडम्बना है। आखिर डाक कहा गायब हो रही है। यह बताने वाला कोई नहीं है।
माथुर ने बताया कि इस वक्त दीपावली की शुभकामनाएं भेजने का समय चल रहा है और लोग धड़ल्ले से अपने संबंधियों को शुभकामनाओं के आकर्षक कार्ड भेज रहे है क्या गारंटी की डाक विभाग तत्परता दिखाकर इन्हें संबंधित व्यक्ति तक समय पर पहुंचा पायेगा। डाक समय पर जनता को नहीं मिलने से पाने वाले और भेजने वाले दोनों पक्षों के बीच कड़वाहट व शंका पनपती है.
जिससे वर्षों से बने मधुर संबंध खराब होते हैं। अतः डाक विभाग के आला अधिकारी डाक वितरण प्रणाली को मजबूत बनाये व जनता को तत्काल डाक वितरण हो इस ओर विशेष ध्यान दें ताकि जनता में आपसी मधुर संबंध बने रहें।