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देहरादून में प्रतिबंधित कुत्तों के मामले ने लिया नया मोड़, उमड़ी भीड़

देहरादून। तीन दिन पहले देहरादून की एक महिला पर दो रॉटविलर कुत्तों द्वारा किए गए हमले के बाद नगर निगम द्वारा प्रतिबंधित नस्लों के खिलाफ की गई सख्त कार्रवाई अब कानूनी पेंच में उलझ गई है। नगर निगम के आदेश को चुनौती देते हुए एक नागरिक ने भारत सरकार द्वारा जारी स्टे ऑर्डर दिखाया, जिससे निगम की कार्यवाही फिलहाल ठहर गई है।

स्टे ऑर्डर से निगम चौंका

दरअसल, नगर निगम ने केंद्र सरकार के मार्च 2025 के आदेश का हवाला देते हुए 23 प्रतिबंधित नस्लों के कुत्तों के पंजीकरण पर रोक लगा दी थी। लेकिन गुरुवार को एक व्यक्ति रॉटविलर नस्ल के कुत्ते का पंजीकरण कराने निगम कार्यालय पहुंचा और मई 2025 में जारी केंद्र सरकार का एक नया आदेश प्रस्तुत किया, जिसमें पूर्व आदेश को स्थगित करने का उल्लेख था। ऑनलाइन सत्यापन में आदेश की पुष्टि होते ही निगम अधिकारियों ने इस पर उच्चाधिकारियों को सूचित किया और अब इस मामले में शासन से स्पष्ट दिशा-निर्देश मांगे जा रहे हैं।

हमले के बाद जागरूकता और अफरातफरी

रॉटविलर द्वारा महिला पर हमले की घटना के बाद से नगर निगम में कुत्तों का पंजीकरण कराने वालों की संख्या में अप्रत्याशित वृद्धि देखी जा रही है। पिछले तीन महीनों में जहां लगभग 400 लोगों ने पालतू कुत्तों का पंजीकरण या नवीनीकरण कराया था, वहीं पिछले दो दिनों में ही 100 से अधिक नए पंजीकरण किए गए। नगर निगम ने इस बढ़ते दबाव को देखते हुए चार विशेष टीमें गठित की हैं और सफाई निरीक्षकों, सुपरवाइजरों तथा पर्यावरण मित्रों को निर्देशित किया है कि जिन भी घरों में पालतू कुत्ते हैं, वहां पंजीकरण की जांच अनिवार्य रूप से की जाए।

पंजीकरण कार्यालयों में लगी कतारें

निगम के आंकड़ों के अनुसार बुधवार को लगभग 40 और गुरुवार को शाम तक 60 से अधिक पंजीकरण दर्ज किए गए। अब लोग कुत्तों के कानूनी पंजीकरण को लेकर पहले से अधिक सजग दिख रहे हैं। निगम की सख्ती और सामाजिक दबाव के कारण कुत्तों के मालिक पंजीकरण कराने को मजबूर हो रहे हैं। देहरादून में रॉटविलर हमले के बाद शुरू हुई प्रशासनिक कार्रवाई अब कानूनी दुविधा में फंस गई है। भारत सरकार के परस्पर विरोधी आदेशों ने नगर निगम को असमंजस में डाल दिया है। हालांकि, इस घटना ने एक सकारात्मक प्रभाव भी डाला है—लोग अब पालतू जानवरों के पंजीकरण और उनकी जिम्मेदार देखरेख को लेकर गंभीर हो रहे हैं। आने वाले दिनों में शासन से स्पष्ट दिशा-निर्देश मिलने के बाद इस मामले में स्थिति और स्पष्ट होगी।


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