
सुनील कुमार माथुर
लेखन कार्य भी अन्य कलाओं की भांति एक कला है और जिसे रचनात्मक मंच मिल जाए, तो उस लेखक का जीवन ही संवर जाता है। आज के समय में लेखक मंच की नितांत आवश्यकता है। पहले जो पत्र मित्रता पत्र-पत्रिकाओं के माध्यम से हुआ करती थी, वह स्तंभ अब लुप्त हो चुके हैं। आज के दौर में अणुव्रत लेखक मंच बेहतर विश्व की रचना के लिए अपनी महत्ती भूमिका निभा रहा है और मंच के जरिए ऐसे साहित्यकारों को तैयार कर रहा है जो अणुव्रत के दर्शन को भलीभांति समझ सकें। ऐसे साहित्यकार नैतिकता सम्पन्न साहित्य का सृजन कर युवा पीढ़ी में आध्यात्मिक ज्ञान का प्रसार कर सकते हैं, उन्हें राष्ट्र का आदर्श नागरिक और संस्कारों युक्त बना सकते हैं।
इसका उद्देश्य भारतीय सभ्यता और संस्कृति की रक्षा करना और पाश्चात्य सभ्यता एवं संस्कृति के नकारात्मक प्रभाव से उन्हें बचाना है। अणुव्रत लेखक मंच का ध्येय समाज में ऐसा वातावरण स्थापित करना है जहां नैतिक मूल्यों का सम्मान हो। बिना नैतिक मूल्यों के कोई भी व्यक्ति महान नहीं हो सकता। यदि हम महान न बन पाए, तो कम से कम एक अच्छा इंसान तो बन ही सकते हैं। आदर्श जीवन हम तभी व्यतीत कर सकते हैं जब हम नम्रता और विनम्रता के गुणों को अपने जीवन में अंगीकार करें। हमारे संत महात्मा कहते हैं कि व्यक्ति को सामाजिक समरसता और संयम पर जोर देना चाहिए।
आप सही हों, तब भी बहस में न पड़ें; चुप रहना ही श्रेष्ठ है, क्योंकि भाषा भी एक शस्त्र है और इशारों की भाषा भी घाव कर सकती है। सभी जीव जीना चाहते हैं, अतः किसी को भी पीड़ा न पहुंचाएं। अणुव्रत लेखक मंच का ध्येय युवा पीढ़ी में रचनात्मकता और सकारात्मकता को प्रोत्साहित करने का एक राष्ट्रव्यापी अभियान है। यह युवा पीढ़ी के लिए गर्व और गौरव की बात है कि वह अणुव्रत लेखक मंच से जुड़कर मूल्य आधारित जीवन शैली को बढ़ावा दे और तमाम तरह की बुराइयों, नशों और हिंसा से दूर रहे। इस मंच की सदस्यता निशुल्क है और इसका उद्घोष है—“संयम ही जीवन है।”
अणुव्रत लेखक मंच मानवीय मूल्यों के उत्थान, नैतिक, चारित्रिक और सामाजिक व्यवहार शुद्धि, आध्यात्मिक मूल्यों के विकास जैसी गतिविधियों को प्रोत्साहित करता है। मंच के माध्यम से समय-समय पर ऑनलाइन व ऑफलाइन संगोष्ठियों का आयोजन किया जाता है, जिससे लेखकों के बीच बेहतर विचारों का आदान-प्रदान हो सके। मंच समय-समय पर अणुव्रत लेखक सम्मेलन का भी आयोजन करता है और प्रति वर्ष उत्कृष्ट नैतिक और आदर्श लेखन के लिए चयनित लेखक को सम्मानित किया जाता है। दूसरे शब्दों में कहें तो अणुव्रत लेखक मंच नैतिक और मानवीय मूल्यों एवं चारित्रिक विकास की पाठशाला है।
सुनील कुमार माथुर
(स्वतंत्र लेखक व पत्रकार)
सदस्य अणुव्रत लेखक मंच
33 वर्धमान नगर, शोभावतों की ढाणी, खेमे का कुआं, पालरोड, जोधपुर, राजस्थान
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