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ब्राजील के जंगलों से हटकर, हिंद महासागर के द्वीप मेडागास्कर पर एक और अद्भुत और गंभीर रूप से लुप्तप्राय प्राइमेट निवास करता है—ब्लैक एंड व्हाइट रफ्ड लीमर (Varecia variegata)। यह लीमर की सबसे बड़ी प्रजातियों में से एक है, जिसे इसके विशिष्ट काले और सफेद फर और कानों के चारों ओर घने “रफ” के कारण आसानी से पहचाना जा सकता है।
सत्येन्द्र कुमार पाठक
जहानाबाद/नई दिल्ली। हर साल 14 दिसंबर को दुनिया भर में एक ऐसा उत्सव मनाया जाता है, जो न केवल हमारे ग्रह के सबसे चंचल और बुद्धिमान निवासियों—बंदरों—का जश्न मनाता है, बल्कि मानवता को उनके अस्तित्व के लिए खतरे की घंटी भी सुनाता है। यह दिन है अंतर्राष्ट्रीय बंदर दिवस (International Monkey Day)। साहित्यकार और इतिहासकार सत्येन्द्र कुमार पाठक के अनुसार, यह अनौपचारिक उत्सव न केवल बंदरों, बल्कि सभी गैर-मानव प्राइमेट्स (वानर, लीमर और टार्सियर) को सम्मान देने, उनके सामने आने वाली चुनौतियों पर प्रकाश डालने और जागरूकता बढ़ाने के लिए समर्पित है। वर्ष 2000 में मिशिगन स्टेट यूनिवर्सिटी के छात्रों—केसी सोरो और एरिक मिलिकिन—द्वारा एक मज़ाक के रूप में शुरू हुआ यह दिवस आज एक वैश्विक मंच बन गया है। यह मंच हमें सिखाता है कि इन जीवों का संरक्षण क्यों आवश्यक है और क्यों हमें अटलांटिक वन से लेकर मेडागास्कर के वर्षावनों तक इनकी रक्षा के लिए तत्काल कदम उठाने होंगे।
अंतर्राष्ट्रीय बंदर दिवस की उत्पत्ति भले ही एक कैलेंडर पर खींची गई एक छोटी-सी कलाकृति में हुई हो, लेकिन इसका महत्व बहुत गहरा है। 14 दिसंबर को चुना गया, ताकि कला प्रदर्शनियों, प्रतियोगिताओं और जागरूकता अभियानों के माध्यम से लोग इन जीवों के प्रति आकर्षित हों। बंदरों की लगभग 260 ज्ञात प्रजातियों के अनोखे गुणों का जश्न मनाना और उनके अस्तित्व पर मंडराते खतरों के बारे में जागरूकता पैदा करना इसका उद्देश्य है। चिड़ियाघरों और वन्यजीव संगठनों में विशेष कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं, जो लोगों को शिक्षित करने और उन्हें संरक्षण के मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करने का अवसर देते हैं। यह दिवस लोगों को यह महसूस कराता है कि बंदरों का अवैध पालतू व्यापार और क्रूरता जैसी समस्याओं से निपटना वैश्विक समुदाय की जिम्मेदारी है।
संरक्षण के मोर्चे पर, कुछ प्रजातियाँ ऐसी हैं जिनकी कहानी हमें प्रेरणा देती है। ब्राजील के अटलांटिक वन में पाए जाने वाले गोल्डन लायन तमारिन (Leontopithecus rosalia) ऐसी ही एक प्रजाति है। अपनी चमकदार, सुनहरी-नारंगी फर और शेर जैसे अयाल (Mane) के कारण इन्हें यह नाम मिला है। ये छोटे, पेड़ों पर रहने वाले जीव हैं, जो छोटे, विस्तारित परिवार समूहों में रहते हैं। इनकी सामाजिक संरचना में जुड़वां बच्चों के पालन-पोषण में पूरा समूह, विशेष रूप से पिता और बड़े भाई-बहन, सहयोग करते हैं।
संकट से सफलता की ओर: 1970 के दशक में इस प्रजाति का अस्तित्व गंभीर खतरे में था। अटलांटिक वन के 90% से अधिक विनाश और अवैध व्यापार के कारण इनकी संख्या कुछ सौ तक सिमट गई थी। हालांकि, एक सफल कैप्टिव ब्रीडिंग (बंदी प्रजनन) कार्यक्रम और जंगल में पुनर्वास के संयुक्त प्रयासों ने इनकी गाथा को बदल दिया। संरक्षणवादियों ने वनों के छोटे टुकड़ों को जोड़ने के लिए वन गलियारे बनाए, जिससे इनकी आबादी जंगल में बढ़कर लगभग 2,500 हो गई। आईयूसीएन (IUCN) रेड लिस्ट में इनकी स्थिति में सुधार हुआ है, जो हमें दिखाता है कि दृढ़ संकल्प के साथ संरक्षण के प्रयास सफल हो सकते हैं।
ब्राजील के जंगलों से हटकर, हिंद महासागर के द्वीप मेडागास्कर पर एक और अद्भुत और गंभीर रूप से लुप्तप्राय प्राइमेट निवास करता है—ब्लैक एंड व्हाइट रफ्ड लीमर (Varecia variegata)। यह लीमर की सबसे बड़ी प्रजातियों में से एक है, जिसे इसके विशिष्ट काले और सफेद फर और कानों के चारों ओर घने “रफ” के कारण आसानी से पहचाना जा सकता है। ये दिन में सक्रिय (Diurnal) होते हैं और एक अद्वितीय व्यवहार प्रदर्शित करते हैं—मादाएँ बच्चों को अपने साथ रखने के बजाय पेड़ों के घोंसलों (Tree Nests) में जन्म देती हैं। ये वर्षावनों में फलों, विशेषकर अंजीर, पर जीवित रहते हैं और परागण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। दुर्भाग्य से, इनकी स्थिति ‘गंभीर रूप से लुप्तप्राय’ (Critically Endangered) है। मेडागास्कर के वर्षावनों पर ‘स्लैश-एंड-बर्न’ कृषि (जंगल काटकर जलाना) और रोज़वुड जैसी कीमती लकड़ियों की अवैध कटाई का निरंतर दबाव है। इनके बड़े आकार और दिन में सक्रिय होने के कारण ये शिकारी और बुशमीट के लिए आसान निशाना बन जाते हैं, जिससे इनकी आबादी तेजी से घट रही है।
गोल्डन लायन तमारिन और रफ्ड लीमर की कहानियाँ दुनिया भर के प्राइमेट्स के सामने आने वाले खतरों की एक झलक मात्र हैं। ये खतरे लगभग सार्वभौमिक हैं—कृषि विस्तार, खनन और शहरीकरण के कारण वनों की कटाई प्राइमेट्स के लिए सबसे बड़ा खतरा है। आवास का विखंडन उन्हें भोजन और साथी खोजने से रोकता है। आकर्षक दिखने वाले प्राइमेट्स को अवैध रूप से पकड़ा जाता है और पालतू जानवरों के रूप में बेचा जाता है। यह व्यापार न केवल वन्यजीवों को उनके घर से छीनता है, बल्कि अक्सर इस प्रक्रिया में माता-पिता को मार दिया जाता है। कई क्षेत्रों में प्राइमेट्स का शिकार मांस (बुशमीट) के लिए किया जाता है, जिससे उनकी आबादी तेजी से गिर रही है। निवास स्थान सिकुड़ने पर बंदर भोजन के लिए मानव बस्तियों में घुसते हैं, जिससे संघर्ष होता है और अक्सर बंदरों को मार दिया जाता है।
अंतर्राष्ट्रीय बंदर दिवस का महत्व तभी सार्थक होगा, जब हम केवल जश्न मनाने के बजाय संरक्षण का संकल्प लें। एक व्यक्ति के रूप में आप यह कर सकते हैं—सोशल मीडिया पर और अपने समुदाय में इन जीवों के खतरों और संरक्षण की सफलताओं के बारे में जानकारी साझा करें। उन उत्पादों से बचें, जो प्राइमेट्स के आवास को नष्ट करके बनाए जाते हैं (जैसे अस्थिर रूप से उत्पादित पाम ऑयल)। उन संगठनों को दान दें, जो प्राइमेट संरक्षण और पुनर्वास में सक्रिय रूप से शामिल हैं। यदि आप बंदरों वाले क्षेत्रों की यात्रा करते हैं, तो उन्हें कभी खाना न खिलाएँ और हमेशा सुरक्षित दूरी बनाए रखें। प्राइमेट्स को पालतू जानवर के रूप में खरीदने से सख्ती से बचें।
अंतर्राष्ट्रीय बंदर दिवस हमें याद दिलाता है कि पृथ्वी पर हमारा अस्तित्व इन अद्भुत और जटिल जीवों के साथ गहराई से जुड़ा हुआ है। गोल्डन लायन तमारिन की सफलता की कहानी हमें आशा देती है, जबकि रफ्ड लीमर का संकट हमें तत्काल कार्रवाई के लिए प्रेरित करता है। वनमानुषों की इस पुकार को सुनकर ही हम अपने ग्रह पर जीवन की सुनहरी धारियों को बचा पाएंगे।








