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शव पड़ा था नीला…लग रहा थर्ड डिग्री दी गई, दिनभर परिजनों को…

शव पड़ा था नीला…लग रहा थर्ड डिग्री दी गई, दिनभर परिजनों को छिपाती रही पुलिस… शाम को करीब तीन बजे मृतक की पत्नी व बहन पोस्टमार्टम हाउस पहुंचे और उन्होंने पुलिस पर बर्बरतापूर्वक मारपीट कर मारने का आरोप लगाया। पत्नी अंजू ने बताया कि बुधवार की शाम को ही उसके पति रामकुमार को पुलिस अपने साथ ले गई थी।

उरई। उरई में डकोर कोतवाली पुलिस ने क्रूरता की सारी हदें पार करते हुए युवक को इस कदर पीटा कि उसने लॉकअप में ही दम तोड दिया। पुलिस ने थर्ड डिग्री टार्चर का प्रयोग करते हुए उसे बेदम कर दिया। युवक के पूरे शरीर में चोटों के निशान पुलिस की बर्बरता की कहानी कह रहे है। इसके बाद पुलिस कर्मी युवक के शव को थाने से ले जाकर जिला अस्पताल के इमरजेंसी के सामने छोड़कर भाग गए।

इतना ही नहीं अपने कृत्यों को छिपाने के लिए मृतक की पत्नी और बच्चों को भी अपने साथ ले गए। जिससे कि किसी भी तरह मीडिया को इसकी भनक न लगने पाए। दो दिन पूर्व हुई संतोष उर्फ मखंचू की हत्या के मामले में शक के आधार पर मृतक रामकुमार हिरासत में लिया था। इसके बाद डकोर कोतवाली पुलिस ने जुर्म कुबूल करवाने के लिए उसे थर्ड डिग्री यातनाएं दी, जिससे पुलिस कस्टडी में ही उसकी मौत हो गई।

थाने की गाड़ी से दो सादा वर्दी में सिपाही आए और उसके शव को जिला अस्पताल में गेट के सामने छोड़कर भाग गए। गेट के सामने शव पड़ा देख जिला अस्पताल के कर्मचारियों में खलबली मच गई, इमरजेंसी में तैनात डॉ. तारा सहजानंद ने तैनात एक वॉर्ड बॉय को कोतवाली पुलिस को सूचना देने के लिए भेजा तो पुलिस ने उसे ही बैठा लिया। इससे विभागीय कर्मचारियों में आक्रोश हो गया।

उन्होंने इसकी जानकारी सीएमएस को दी। जिस पर जानकारी सीएमओ एनडी शर्मा को दी गई। उन्होंने कोतवाली पुलिस को फोन किया तब जाकर वार्ड बॉय को छोड़ा गया। इधर, मामला तूल पकड़ता देख पुलिस ने दोपहर बाद कागजी कार्रवाई पूरी करवाकर शव पोस्टमार्टम के लिए भेजा। वहीं, इस मामले में पुलिस का कहना है कि हत्यारोपी बीमार था, इसके चलते उसकी मौत हुई है। लेकिन युवक के शरीर पर गंभीर चोटों के निशान पर पुलिस के अधिकारी कुछ भी कहने से बचते रहे।

एसपी डॉ. ईरज राजा ने बताया कि युवक हत्या के मामले में वांछित था। गिरफ्तार करने के दौरान ही गाड़ी में उसकी हालत बिगड़ गई थी। थाने लाते ही बीमारी के चलते उसकी मौत हो गई। एक पैनल की मौजूदगी में शव का पोस्टमार्टम कराया जा रहा है। जो भी रिपोर्ट आएगी। उसी के हिसाब से कार्रवाई की जाएगी। परिजनों ने किसी भी प्रकार की कोई शिकायत नहीं की है और न ही कोई आरोप लगाया है।



डकोर कोतवाली क्षेत्र के मोहाना गांव के पास स्थित बेतवा नदी पुल के नीचे इंद्रा नगर निवासी मृतक संतोष कुमार उर्फ मखंचू का शव गुरुवार सुबह लहूलुहान हालत में पड़ा मिला था। पत्नी सरिता की तहरीर पर शुक्रवार को डकोर पुलिस ने मकान मालिक रामकुमार, उसके भाई निर्भय उर्फ फंगे, पत्नी राधा, आकाश व कार्तिक उर्फ फरसा वाले के खिलाफ हत्या की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। आरोप था कि सभी आरोपी उसके पति को मोहाना ले गए और वहां उसके सिर पर पत्थर मारकर हत्या कर दी।

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जिला अस्पताल के सीएमएस डॉ अनिल राज ने कहा कि पुलिस की एक गाड़ी जो डकोर कोतवाली की बताई गई। गाड़ी शव को सुबह तीन बजे के आसपास लेकर आई थी। इमरजेंसी में मौजूद डॉक्टर ने पुलिस से जरूरी प्रपत्र मांगे तो वह शव को छोड़कर चले गए। इसके बाद अस्पताल में प्रशासन ने शहर कोतवाली में इसकी सूचना देने के लिए वार्ड बॉय को भेजा पर पुलिस ने उसे भी बैठा लिया और घंटों तक नहीं छोडा। इस पूरे प्रकरण की जानकारी उच्च अधिकारियों को दी गई है।



युवक की मौत हो जाने पर सुबह पुलिस महकमे में खलबली मच गई। अमर उजाला की टीम जब मृतक के घर पहुंची, तो घर पर ताला था। पड़ोसियों ने बताया कि सुबह सात बजे पुलिस की एक गाड़ी आई थी और परिजनों को लेकर कहीं चली गई है। इसके बाद पूरे दिन घटनाक्रम चलता रहा, लेकिन परिजनों का कहीं अता पता नहीं चला।



शाम को करीब तीन बजे मृतक की पत्नी व बहन पोस्टमार्टम हाउस पहुंचे और उन्होंने पुलिस पर बर्बरतापूर्वक मारपीट कर मारने का आरोप लगाया। पत्नी अंजू ने बताया कि बुधवार की शाम को ही उसके पति रामकुमार को पुलिस अपने साथ ले गई थी। दिन भर उसने इसकी जानकारी करनी चाही, लेकिन किसी को कोई भी जानकारी नहीं दी गई। शनिवार सुबह गाड़ी से उसके पास पुलिस आई और कहा कि बीमारी के चलते तुम्हारे पति की मौत हो गई है, साथ चलो।



की मौत हो जाने पर सिपाही उसे अस्पताल में छोड़कर भाग गए। बाद में पुलिस की तरफ से कहा गया कि उसकी हालत बिगड़ गई और बीमारी के चलते मौत हो गई। लेकिन मृतक रामकुमार के शरीर पर चोटों के निशान उसके साथ हुई बर्बरता की गवाही दे रहे थे। शव देखकर ऐसा लग रहा था कि उसको थर्ड डिग्री दी गई है। उसके सिर से लेकर पीठ तक, दोनों हाथों की हथेलियों, पैर के पंजों, तालू, व पुट्ठों पर चोटों के निशान थे।



जहां-जहां चोटों के निशान थे, वहां शरीर नीला पड़ा था। इमरजेंसी में तैनात स्टॉफ ने उसके शव को कूलर के सामने रख दिया था। मानो व सो रहा हो, लेकिन पोस्टमार्टम हाउस ले जाते समय जैसे ही पुलिस कर्मियों ने गाड़ी में रखवाने के लिए उसका शव उठाया, तो वहां खड़े लोगों की रूह कांप गई। शरीर पर भारी मात्रा में चोट के निशान दिख रहे थे। फिलहाल पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। रिपोर्ट आने पर पता चलेगा कि निशान चोट के थे, या किसी और चीज के।



शहर कोतवाली क्षेत्र के इंद्रा नगर में दूसरे मकान में वृद्ध पिता भगवानदास अकेले थे, पूछने पर बताया कि उनके तीन बेटे हैं, पहले पुत्र का नाम रामकुमार, दूसरा निर्भय व तीसरे का नाम कमलेश है। उन्होंने बताया कि बेटा रामकुमार तो काम पर गया है। लेकिन उस वृद्ध पिता को क्या पता कि उसका पुत्र तो, उसे हमेशा के लिए छोड़कर चला गया है।


शव पड़ा था नीला…लग रहा थर्ड डिग्री दी गई, दिनभर परिजनों को छिपाती रही पुलिस... शाम को करीब तीन बजे मृतक की पत्नी व बहन पोस्टमार्टम हाउस पहुंचे और उन्होंने पुलिस पर बर्बरतापूर्वक मारपीट कर मारने का आरोप लगाया। पत्नी अंजू ने बताया कि बुधवार की शाम को ही उसके पति रामकुमार को पुलिस अपने साथ ले गई थी।

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