आधुनिक भारत के निर्माता “पंडित जवाहर लाल नेहरू”
सुनील कुमार माथुर
आधुनिक भारत के निर्माता पंडित जवाहर लाल नेहरू बच्चों के चाचा नेहरु व भारत के प्रधानमंत्री थें । वे उदारता, एकता, दूरदर्शिता और सरलता के प्रतीक थे । पंडित जवाहरलाल नेहरू ने सेवा और सादगी के आदर्श को अपने जीवन में साकार कर दिखाया । वे सरल स्वभाव के धनी थे । सादा जीवन और उच्च विचारों के धनी थे और देश की जनता के समक्ष सादगी की मिसाल कायम की ।
पंडित जवाहरलाल नेहरू हमारे देश के प्रथम प्रधानमंत्री थे जिन्हें बच्चे चाचा नेहरू के नाम से जानते है । पंडित जवाहरलाल नेहरू को बच्चों से अपार स्नेह था । वे बच्चों में कल के भारत का निर्माण का सपना देखा करते थे । वे बच्चों की प्रतिभा को निखारना चाहते थे । चूंकि उनका कहना था कि बच्चे ही भारत का भविष्य है और इनके कंधों पर ही देश का भविष्य टीका हुआ है । यही वजह है कि वे बच्चों को ज्यादा प्यार करते थे और बच्चे भी नेहरू जी से काफी लगाव रखते थे ।
नेहरू जी शुरू से ही राष्ट्रपिता महात्मा गांधी से प्रभावित रहे और वर्ष 1912 मे ही कांग्रेस से जुड गये । उन्होंने 1920 के प्रतापगढ़ के पहलें किसान मोर्चे को संगठित किया । उन्होंने साइमन कमीशन में भी भाग लिया और नमक आन्दोलन में गिरफ्तार कर लिए गये । देश की आजादी के लिए वे अनेक बार जेल गये और अल्मोड़ा जेल में उन्होंने आत्मकथा भी लिखी । भारत छोड़ो आन्दोलन के दौरान वे गिरफ्तार भी हुए ।
पंडित जवाहरलाल नेहरू ने पंचशील का सिध्दान्त प्रतिपादित किया । 1954 में उन्हें भारत रत्न से सम्मानित किया गया । उन्होंने तटस्थ राष्ट्रों को संगठित कर उनका नेतृत्व किया । जब 1947 मे भारत आजाद हुआ तब पंडित जवाहरलाल नेहरू को आजाद भारत का प्रथम प्रधानमंत्री बनाया गया । उस समय आजाद भारत के सामने अनेक चुनौतियां थी । देश को शिक्षा, सुरक्षा, रोजगार, आधारभूत संरचना , कृषि, उधोग,सामाजिक उत्थान यानि सभी क्षेत्रों में संरक्षण चाहिए था । पंडित जवाहरलाल नेहरू ने देश को सभी समस्याओं से बाहर निकाला , उन्हें अवसर में तब्दील किया और आज हम जो भारत देख रहें है उसकी बुनियाद भी रखी । उनकी सोच, निर्णय और किये गये कार्यों को समूचा विश्व स्वीकारता है ।
राजस्थान को गर्व इस बात का भी है कि भारत में पंचायती राज की स्थापना पंडित जवाहरलाल नेहरू ने 2 अक्तूबर 1959 को यही से की थी । सही मायने में वे उदारता , एकता , दूरदर्शिता और सरलता के प्रतीक थे । इसके साथ ही साथ वे आधुनिक भारत के निर्माता एवं देश के प्रथम प्रधानमंत्री थे ।
समूचे जीवन को सादगी , सदाशयता , ईमानदारी, आदर्शवादिता , नैतिक मूल्यों के साथ जीये और जीते – जागते उन्होंने समूचे भारत को अपने असाधारण अवदानों एवं मूल्यपरक समर्पणो से हर क्षेत्र को अद् भूत व अविस्मरणीय योगदान दिया । वे जुझारू, ओजस्वी, संघर्षशील एवं कर्मठ व्यक्तित्व के धनी थे ।
वे प्रेम , स्नेह व ममता की मूर्त , गरीबों के मसीहा , बालिका शिक्षा के प्रेरणास्रोत , ज्ञान की अनंत ज्योति और हजारों आशाओं के दीप जलाने वाले महापुरुष थे । नियति ने असमय ही आपको इस देश की जनता से छीन लिया । आपकी स्नेहिल स्मृति , आपकी सहृदयता, आपकी धर्मपरायणता एवं चारित्रिक विशेषताएं चिर स्मरणीय एवं प्रेरणादायी हैं । आपके आदर्श सभी के लिए एक प्रकाश स्तम्भ की तरह हैं । आप ही इस देश की ताकत , प्रतिष्ठा एवं सम्मान हैं । आपकी यादों की अमूल्य धरोहर हमें जिन्दगी की हर जंग जीतने की ताकत और प्रेरणा देती हैं । जब कभी जिन्दगी में खुशियों के अवसर आते हैं – आंखें भर आती हैं और आपकी याद आती हैं ।
27 मई 1964 का दिन वह क्रूर दिन था जब उदारता, एकता, दूरदर्शिता और सरलता के प्रतीक पंडित जवाहरलाल नेहरू इस नश्वर संसार को छोड़ कर परलोक सिधार गये । अपने समस्त सेवा भाव , मिलनसार व मददगार व्यक्ति त्व की छाप हमारे दिलों पर छोडकर सदा के लिए परमपिता परमेश्वर की दिव्य ज्योति में विलीन हो गये । आपका यह आकस्मिक निधन देश के लिए अपूर्णीय क्षति हैं । आपका प्रेरणामय चरित्र हम सबके लिए एक मार्गदर्शक हैं।
¤ प्रकाशन परिचय ¤
From »सुनील कुमार माथुरलेखक एवं कविAddress »33, वर्धमान नगर, शोभावतो की ढाणी, खेमे का कुआ, पालरोड, जोधपुर (राजस्थान)Publisher »देवभूमि समाचार, देहरादून (उत्तराखण्ड) |
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