
देहरादून | थराली में शुक्रवार देर रात हुई अतिवृष्टि के कारण भारी मलबा और जलभराव की स्थिति बन गई, जिससे तहसील परिसर, थराली बाजार, चेपड़ो और कोटद्वीप बाजार सहित आसपास के क्षेत्रों में कई मकान और दुकानों को क्षति पहुँची। घटना में एक युवती का शव बरामद हुआ है, जबकि चेपड़ो बाजार में एक व्यक्ति लापता है, जिसकी खोजबीन प्रशासन द्वारा जारी है। प्रदेश सरकार और जिला प्रशासन ने राहत एवं बचाव कार्यों को युद्धस्तर पर प्रारंभ कर दिया है। माननीय मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने राहत और बचाव दलों को अपनी पूरी क्षमताओं के साथ कार्य करने के निर्देश दिए हैं और स्वयं पल-पल की स्थिति की जानकारी लेते हुए टीमों को मार्गदर्शन दे रहे हैं। मुख्यमंत्री ने प्रभावित लोगों से संयम बनाए रखने और सुरक्षित स्थानों पर रहने की अपील की है।
मुख्य सचिव श्री आनंद बर्द्धन ने राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र से राहत और बचाव अभियान की समीक्षा करते हुए जिलाधिकारी चमोली श्री संदीप तिवारी से अपडेट लिया। उन्होंने आवश्यक संसाधनों को तत्काल घटनास्थल पर तैनात करने, पेयजल, विद्युत और संचार आपूर्ति को बहाल करने तथा स्थानीय प्रशासन, विभागों और एजेंसियों के बीच समन्वय सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। आपदा प्रभावित क्षेत्र में राहत कार्यों के लिए एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, पुलिस बल, सेना, एसएसबी और आईटीबीपी की टीमें तैनात हैं। जिलाधिकारी श्री संदीप तिवारी स्वयं ग्राउंड जीरो पर मौजूद रहकर राहत कार्यों का निरीक्षण कर रहे हैं। भारी बारिश और मलबे की चपेट में आए मार्गों की सुचारू संचालन के लिए पांच जेसीबी मशीनें कार्यरत हैं।
स्वास्थ्य विभाग की टीम भी पूरी तरह अलर्ट है। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र थराली में 04 चिकित्साधिकारी, 06 स्टाफ नर्स, 01 फार्मासिस्ट और 01 ड्राइवर मय एम्बुलेंस एवं जीवनरक्षक औषधियों के साथ तैनात हैं। इसके अतिरिक्त, एसडीएच कर्णप्रयाग से 02 विशेषज्ञ चिकित्साधिकारी और 02 अतिरिक्त 108 एम्बुलेंस तैनात किए गए हैं। पीएचसी देवाल से भी एक चिकित्साधिकारी राहत कार्यों में जुटा है। इस आपदा में लगभग 150 से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं और उन्हें तहसील परिसर में सुरक्षित ठहराया गया है। प्रशासन ने उनके लिए भोजन, पानी, चिकित्सा और अन्य मूलभूत आवश्यकताओं की व्यवस्था सुनिश्चित की है। राहत शिविर के लिए सतलुज जल विद्युत निगम का विश्राम गृह व कार्यालय परिसर कुलसारी और गढ़वाल मंडल विकास निगम देवाल को भी अधिकृत किया गया है।
सचिव आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास श्री विनोद कुमार सुमन ने बताया कि राहत कार्यों में किसी प्रकार की शिथिलता नहीं बरती जाएगी। मलबा हटाने, मार्गों को खोलने और प्रभावितों को सुरक्षित स्थान पर पहुँचाने के लिए सभी विभाग, एजेंसियां और स्थानीय प्रशासन समन्वय से कार्य कर रहे हैं। माननीय मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रभावित क्षेत्रों के जनप्रतिनिधियों से भी जानकारी लेकर राहत कार्यों की निगरानी सुनिश्चित की है। उन्होंने निर्देश दिए हैं कि जो भी भवन खतरे में हैं, वहां रहने वाले लोगों को सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित किया जाए तथा उनके रहने, भोजन और चिकित्सा जैसी आवश्यकताओं का पूर्ण प्रबंध किया जाए।