
देहरादून | उत्तराखंड के थराली क्षेत्र में आई आपदा के बाद राहत एवं बचाव कार्यों को तेज कर दिया गया है। प्रदेश सरकार ने स्वास्थ्य सेवाओं को पूरी तरह अलर्ट पर रखा है और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रभावित क्षेत्रों में त्वरित एवं प्रभावी स्वास्थ्य सेवाएं सुनिश्चित करने के निर्देश जारी किए हैं। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि राज्य सरकार आपदा पीड़ितों के साथ है और उनके उपचार एवं राहत कार्यों में किसी भी प्रकार की कमी नहीं आने दी जाएगी।
मुख्यमंत्री के निर्देशों के बाद स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार ने महानिदेशक स्वास्थ्य डॉ. सुनीता टम्टा और चमोली के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. अभिषेक गुप्ता से आपदा प्रभावित क्षेत्रों की स्थिति का बारीकी से जायजा लिया। उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य विभाग की टीम ने घटनास्थल पर तुरंत पहुंचकर गंभीर रूप से घायल घायलों का प्राथमिक उपचार किया और मानसिक रूप से आहत पीड़ितों की काउंसलिंग भी की। स्वास्थ्य सचिव ने यह भी कहा कि जरूरत पड़ने पर अतिरिक्त चिकित्सक दल और संसाधन तुरंत भेजे जाएंगे।
इसके साथ ही सीएमओ चमोली को निर्देश दिए गए हैं कि स्थिति सामान्य होने तक राहत एवं बचाव कार्यों की निगरानी स्वयं करें और सुनिश्चित करें कि किसी प्रकार की कमी न आए। थराली सीएचसी में वर्तमान में 04 चिकित्सा अधिकारी, 06 स्टाफ नर्स, 01 फार्मासिस्ट, 01 ड्राइवर और एम्बुलेंस सहित आवश्यक जीवनरक्षक दवाओं के साथ टीम सक्रिय रूप से तैनात है। इसके अतिरिक्त, एसडीएच कर्णप्रयाग से 02 विशेषज्ञ चिकित्सक और 02 अतिरिक्त 108 एम्बुलेंस आपदा क्षेत्र में भेजे गए हैं। वहीं, पीएचसी देवाल से एक अतिरिक्त चिकित्साधिकारी को भी मौके पर तैनात किया गया।
गंभीर रूप से घायल मरीजों को शीघ्र उपचार उपलब्ध कराने के लिए हेलीकॉप्टर की मदद से 06 घायलों को एम्स ऋषिकेश भेजा गया, जबकि अन्य दो दर्जन से अधिक घायलों का मौके पर ही उपचार किया गया। स्वास्थ्य सचिव ने कहा कि राहत एवं बचाव कार्यों में किसी प्रकार की शिथिलता नहीं बरती जाएगी और सभी चिकित्सा इकाइयों को उच्चतम सतर्कता बनाए रखने के निर्देश दिए गए हैं। इस तरह, थराली आपदा के प्रति राज्य सरकार और स्वास्थ्य विभाग की सक्रियता और तत्परता ने प्रभावित जनता को राहत देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।