
कौशांबी | कौशांबी जिले के पिपरी कोतवाली क्षेत्र के कसेंदा गांव में एक 14 वर्षीय किशोरी ने सोमवार रात आत्महत्या कर ली। वह लंबे समय से अपने पिता से एंड्रॉयड मोबाइल फोन की मांग कर रही थी। आर्थिक तंगी के कारण पिता उसकी मांग पूरी नहीं कर पा रहे थे। नाराज होकर किशोरी ने कमरे में फंदा लगाकर अपनी जान दे दी। मंगलवार सुबह जब परिजनों ने शव को फंदे से लटका देखा तो पूरे परिवार में कोहराम मच गया।
घटना का विवरण
कसेंदा गांव निवासी चांद बाबू उर्फ चंदू फल का ठेला लगाकर परिवार का भरण-पोषण करते हैं। उन्होंने बताया कि उनकी बेटी अलसमा (14 वर्ष) गांव के ही गणेशदीन इंटर कॉलेज में कक्षा दस की छात्रा थी। कुछ समय से वह ऑनलाइन पढ़ाई के लिए स्मार्टफोन मांग रही थी। सोमवार को उसने फिर से मोबाइल लाने की जिद की। लेकिन पिता ने आर्थिक स्थिति खराब होने के कारण असमर्थता जताई और उसे डांट दिया।
नाराज होकर अलसमा घर के एक कमरे में सोने चली गई। रात में उसने प्लास्टिक की पट्टी से छत के चुल्ले में फंदा डालकर जान दे दी। मंगलवार सुबह परिजन जब कमरे में पहुंचे तो बच्ची को फंदे से लटकता देख उनके होश उड़ गए। घर में चीख-पुकार मच गई।
पुलिस जांच
सूचना मिलने पर पिपरी पुलिस मौके पर पहुंची और शव को नीचे उतरवाकर पंचनामा भरने के बाद पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। थानाध्यक्ष सिद्धार्थ सिंह ने बताया कि प्रथम दृष्टया मामला आत्महत्या का है। परिजनों ने किसी पर आरोप नहीं लगाया है। हालांकि, पुलिस सभी एंगल से मामले की जांच कर रही है। पूछताछ में प्रेम प्रसंग की भी आशंका सामने आई है, जिसे लेकर जांच आगे बढ़ाई जा रही है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही स्थिति स्पष्ट होगी।
परिजनों का हाल
घटना के बाद परिवार का रो-रोकर बुरा हाल है। पिता चांद बाबू का कहना है कि बेटी बहुत समझदार थी लेकिन शायद मोबाइल न मिलने से आहत होकर उसने यह कदम उठा लिया। पड़ोसियों ने भी बताया कि अलसमा पढ़ाई में अच्छी थी और हमेशा खुशमिजाज रहती थी। उसकी अचानक मौत से पूरा गांव सदमे में है।
सामाजिक सवाल
यह घटना एक बार फिर समाज और परिवार के सामने कई सवाल खड़े करती है। किशोरवस्था में बच्चों की जिद और अवसाद को परिवार कैसे संभाले? आर्थिक तंगी से जूझ रहे माता-पिता जब बच्चों की अपेक्षाएँ पूरी नहीं कर पाते, तो ऐसे हादसे सामने आते हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि माता-पिता को बच्चों से संवाद बनाए रखना चाहिए और पढ़ाई के दबाव व गैजेट की चाहत जैसी स्थितियों में उन्हें समझाने की कोशिश करनी चाहिए।