
देहरादून | राजकीय प्राथमिक विद्यालय टी-स्टेट, बंजारावाला में सोमवार दोपहर एक चौंकाने वाली घटना सामने आई। विद्यालय के बाहर बने गड्ढों को भरने के लिए करीब आठ छात्रों को सड़क से बजरी लेकर स्कूल जाते हुए देखा गया। बच्चों ने सिर पर तसले उठाकर यह काम किया। यह पूरी घटना सोशल मीडिया पर वायरल हो गई, जिससे शिक्षा विभाग में हड़कंप मच गया।
बच्चों ने खुद किया गड्ढा भरने का काम
- बच्चों का कहना था कि वर्षों से स्कूल में बने गड्ढे नहीं भरे गए थे और उन्हें सड़क पर गिरने या चोट लगने का डर था।
- इसी कारण बच्चों ने पास ही काम कर रहे मजदूरों से फावड़ा और तसले लेकर खुद ही गड्ढा भरने का काम किया।
- वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि छात्र सावधानीपूर्वक बजरी के तसले लेकर स्कूल की ओर बढ़ रहे थे।
शिक्षा विभाग ने की कार्रवाई
- इस घटना के बाद प्रधानाध्यापिका अंजू मेनादुली को निलंबित कर दिया गया।
- उन पर निःशुल्क शिक्षा का अधिकार अधिनियम-2009 और महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास विभाग की धारा-13 का उल्लंघन करने का आरोप लगाया गया है।
- जिला शिक्षा अधिकारी (बेसिक) प्रेमलाल भारती ने निलंबन आदेश जारी किया और खंड शिक्षा अधिकारी रायपुर प्रेमलता गौड़ को मामले की जांच सौंपी।
- शिक्षा सचिव रविनाथ रमन और अन्य अधिकारियों को भी घटना की जानकारी दी गई और उन्होंने जांच कर कार्रवाई के निर्देश दिए।
विद्यालय की स्थिति और कारण
- विद्यालय में कुल करीब 200 छात्र हैं।
- घटना के समय दो शिक्षक छुट्टी पर थे।
- प्रधानाध्यापिका अंजू मेनादुली ने बताया कि जैसे ही उन्हें पता चला कि बच्चे बजरी लेकर स्कूल आ रहे हैं, उन्होंने उन्हें तुरंत वापस बुलाया।
पहले भी हो चुकी है ऐसी घटना
- कुछ दिन पहले ही चमोली जिले के राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय जूनीधार में छात्रों द्वारा शिक्षक की कार धोने का वीडियो वायरल हुआ था।
- उस मामले में सहायक अध्यापक घनश्याम तिवाड़ी को तत्काल प्रभाव से निलंबित किया गया था।
- यह घटनाएं संकेत देती हैं कि उत्तराखंड के कुछ विद्यालयों में सुरक्षा और देखरेख के मुद्दे गंभीर हैं।
विशेष टिप्पणी
- शिक्षा विभाग ने स्पष्ट किया है कि किसी भी विद्यालय में इस तरह की घटना बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
- विभाग ने सभी स्कूलों को निर्देश दिए हैं कि छात्रों को किसी भी तरह का भारी या खतरनाक काम करने के लिए मजबूर न किया जाए।
- यह घटना शिक्षकों और प्रशासन के लिए चेतावनी है कि बच्चों की सुरक्षा, शिक्षा और वातावरण प्राथमिकता होनी चाहिए।