
- तारापुरी में दो भाई घायल, कुत्तों ने नोचा मांस
- भावनपुर में दो बच्चियों समेत तीन लोग कुत्तों के शिकार
- शहर-देहात में बढ़ता कुत्ता आतंक, लोग डंडे लेकर निकलने को मजबूर
- नगर निगम पर सवाल, रोज 100 से अधिक लोग लगा रहे एंटी रेबीज टीका
मेरठ। शहर में आवारा कुत्तों का आतंक लगातार बढ़ता जा रहा है और हालात ऐसे हो रहे हैं कि आम लोगों, खासकर बच्चों और बुजुर्गों का सड़क पर निकलना मुश्किल बन गया है। शनिवार को हुई एक ताज़ा घटना ने शहरवासियों के डर को और गहरा कर दिया। ब्रह्मपुरी क्षेत्र के तारापुरी में रहने वाले दो मासूम बच्चे—आहद और सादत—जब अपने घर के बाहर खेल रहे थे, तभी अचानक कुत्तों के झुंड ने उन पर हमला बोल दिया। पहले सादत पर कुत्तों का झुंड टूट पड़ा और उसके रोने की आवाज सुनकर जैसे ही उसका भाई आहद उसे बचाने के लिए पहुंचा, कुत्तों ने उस पर भी हमला कर दिया। दोनों के पैरों से कुत्तों ने मांस तक नोच लिया, जिससे वे गंभीर रूप से घायल हो गए। यह दृश्य देख आसपास के लोग भी सहम गए और बच्चों की चीख-पुकार सुनकर दौड़े। लोगों ने लाठी-डंडों की मदद से किसी तरह कुत्तों को भगाया और बच्चों को लहूलुहान हालत में जिला अस्पताल पहुंचाया, जहां डॉक्टरों ने प्राथमिक उपचार के साथ एंटी रेबीज इंजेक्शन लगाया।
इसी दिन एक अन्य मामले में पल्लवपुरम क्षेत्र में रहने वाले युवक निशांत को भी दिल्ली रोड पर एक कुत्ते ने अचानक हमला कर घायल कर दिया। इसके अलावा भावनपुर थाना क्षेत्र के औरंगाबाद गांव में दो दिन पहले दो छोटी बच्चियां—4 वर्षीय सादिक और 3 वर्षीय नाजिया—अपने घर के बाहर खेल रही थीं, तभी आवारा कुत्तों ने दोनों पर हमला कर बुरी तरह घायल कर दिया। इससे पहले भी यहां कुत्तों ने एक युवक आलीशान पर हमला कर उसे जख्मी कर दिया था। शहर से लेकर देहात तक आवारा कुत्तों का यह आतंक फैलता जा रहा है और स्थिति ऐसी बन गई है कि लोग मजबूरन हाथ में डंडे लेकर ही घर से बाहर निकल रहे हैं। जिला अस्पताल और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में रोजाना 100 से अधिक लोगों को कुत्तों के काटने पर एंटी रेबीज टीके लगाए जा रहे हैं, जो यह दिखाता है कि समस्या कितनी गंभीर हो चुकी है।
Government Advertisement
स्थानीय निवासियों में नगर निगम की कार्यशैली को लेकर रोष बढ़ता जा रहा है। लोगों का आरोप है कि निगम के अफसर सिर्फ आश्वासन देते हैं, लेकिन सड़कों पर कुत्तों का झुंड दिन पर दिन बढ़ता जा रहा है। शहर के कई इलाकों—जैसे ब्रह्मपुरी, शास्त्रीनगर, दिल्ली रोड और कंकरखेड़ा—में लोग कुत्तों के डर से देर शाम बाहर निकलने से बच रहे हैं। बच्चों और बुजुर्गों में तो भय इतना गहरा हो गया है कि कई परिवार अपने बच्चों को बाहर खेलने भी नहीं भेज रहे हैं। नगर स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. अमर सिंह का कहना है कि निगम की टीम जल्द अभियान चलाकर कुत्तों को पकड़ने और उनका वैक्सीनेशन करने की प्रक्रिया शुरू करेगी, लेकिन स्थानीय लोग इस कार्रवाई को पर्याप्त नहीं मानते और अधिक कठोर कदम उठाने की मांग कर रहे हैं।
इस घटनाक्रम ने एक बार फिर नगर निगम की लापरवाही पर सवाल खड़े कर दिए हैं। लगातार हो रहे इन हमलों से लोगों में दहशत और गुस्सा दोनों गहराते जा रहे हैं। शहरवासियों का कहना है कि जब तक निगम प्रभावी कार्रवाई नहीं करता, तब तक कुत्तों का यह आतंक कम होने की कोई संभावना नहीं है और हर गुजरते दिन के साथ बच्चों की सुरक्षा को खतरा बढ़ता जा रहा है।








