साहित्य लहर
होली के रंगों की बौछारे

सुनील कुमार माथुर
होली का यह पावन दिवस
समानता , एकता व
सत्यनिष्ठता का दिवस है
इसके हर रंग में
सच्चाई , वफादारी कर्मठता है
होली के इस पावन दिवस पर
रंग बिरंगे रंगों की
सुन्दर छटा देखने को मिलती है
रंग बिरंगे रंगों का
आनंद ही कुछ और है
नाना प्रकार के रंगों में भी
अनेकता में भी एकता देखने को मिलती है
नीले , पीले , हरे , लाल रंग
हमें सृजन की प्रेरणा देते है
विभिन्न प्रकार के रंग
भक्ति, काव्य व कला की त्रिवेणी है
होली के रंगों की बौछारे
कल्पना की ऊंची उडान भरे
होली रंगों का पावन दिवस है
जो मानव मन को
सदैव आनन्दित करें
होली के रंगों के बीच
चंगो की थाप नये आयाम रचे
सजीवता , सजगता और
सौम्यता का बेजौड समन्वय है
आओ हम होली को
एक यादगार दिवस के रूप में मनाये
तभी देश समृद्ध और खुशहाल बन पायेगा
जहां सदैव अमनचैन, प्रेम व भाईचारा हो
¤ प्रकाशन परिचय ¤
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From »सुनील कुमार माथुरलेखक एवं कविAddress »33, वर्धमान नगर, शोभावतो की ढाणी, खेमे का कुआ, पालरोड, जोधपुर (राजस्थान)Publisher »देवभूमि समाचार, देहरादून (उत्तराखण्ड) |
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Good
Bahut sunder rachna
Very nice
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Nice article, happy holi
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