साहित्य लहर

गीत : भक्त भीआईपी

सिद्धार्थ गोरखपुरी

हे प्रभु अब तुहुं अटेंशन हो जा
तोहार भक्त भीआईपी आवत बा
आज बल भर तोंहके गुरूर दिखी
लाव – लश्कर पीछे धावत बा

नेता, अभिनेता, उपनेता
साहब के हीत जुगाड़मनुज
उद्योगपति और खरबपति
विधायक सांसद के सबल अनुज
पुलिस प्रशासन पंडा – पंडित
इन्हे अक्षत फूल पकड़ावत बा
आम भक्त के पुलिस के घेरा
तोहसें तनि दूर हटावत बा
हे प्रभु अब तुहुं अटेंशन हो जा
तोहार भक्त भीआईपी आवत बा

का तोंहके छुए के कॉपीराइट
बस कुछ जन खातिर बनल बा
तूँ मौन रहलs दिन – दिन भर
का तोहरो प पाबंदी लागल बा
का ई नियम क़ानून भीआई दर्शन
सच कहिहs का तोहें भावत बा?
हे प्रभु अब तुहुं अटेंशन हो जा
तोहार भक्त भीआईपी आवत बा

जवना भक्त के मन में आस रहे
तोंहे देखी मन भर विश्वास रहे
उ झलक मात्र बाबा तोहार
मुश्किल से कैसो पावत बा
तनिक दर्शन से खुश बा उ
तोहार नाम – धाम गोहरावत बा
हे प्रभु अब तुहुं अटेंशन हो जा
तोहार भक्त भीआईपी आवत बा

उ सोचत बा भीआईपी बने के
बनी जाए प तोहार दर्शन त पाई
तोहरे इर्द- गिर्द रहे वालन के
खूबै पुरजोर समर्थन त पाई
भक्त से पहिले भीआईपी बनब
एक्के बतिया गोहरावत बा
हे प्रभु अब तुहुं अटेंशन हो जा
तोहार भक्त भीआईपी आवत बा


Devbhoomi Samachar

देवभूमि समाचार में इंटरनेट के माध्यम से पत्रकार और लेखकों की लेखनी को समाचार के रूप में जनता के सामने प्रकाशित एवं प्रसारित किया जा रहा है।

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