
देहरादून। शिक्षक दिवस के अवसर पर शुक्रवार को राजभवन में आयोजित भव्य समारोह में प्रदेश के 16 शिक्षकों को “शैलेश मटियानी राज्य शैक्षिक उत्कृष्टता पुरस्कार” से सम्मानित किया गया। राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से.नि.) और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शिक्षकों को यह सम्मान प्रदान किया।
16 शिक्षकों को मिला सम्मान
इस वर्ष सम्मानित होने वाले शिक्षकों में—
- प्रारंभिक शिक्षा : 9 शिक्षक
- माध्यमिक शिक्षा : 5 शिक्षक
- प्रशिक्षण संस्थान : 1 शिक्षक
- संस्कृत शिक्षा : 1 शिक्षक
राज्यपाल ने दी बधाई
राज्यपाल गुरमीत सिंह ने कहा कि यह सम्मान केवल व्यक्तिगत उपलब्धि नहीं, बल्कि पूरे शिक्षक समाज की मेहनत और तपस्या का प्रतीक है। उन्होंने कहा—
“शिक्षक केवल ज्ञान देने वाले नहीं, बल्कि चरित्र, नैतिकता और जीवन मूल्यों के निर्माता होते हैं। 2047 तक भारत को विश्वगुरु बनाने में शिक्षकों का योगदान निर्णायक रहेगा।”
उन्होंने यह भी कहा कि माता-पिता के बाद गुरु ही बच्चों के सबसे बड़े मार्गदर्शक होते हैं।
मुख्यमंत्री धामी का संदेश
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शिक्षकों को बधाई देते हुए कहा कि शिक्षकों की जिम्मेदारी केवल पढ़ाने तक सीमित नहीं है, बल्कि वे विद्यार्थियों के व्यक्तित्व और भविष्य को संवारने का कार्य करते हैं। उन्होंने शैलेश मटियानी को याद करते हुए कहा कि वे पहाड़ के दर्द और संवेदनाओं को गहराई से समझने वाले कथाकार थे, जिन्होंने अपने साहित्य के माध्यम से उत्तराखंड की जीवनशैली और संघर्ष को जीवंत किया।
कौन-कौन हुए सम्मानित
प्रारंभिक शिक्षा में
- पौड़ी : डॉ. यतेंद्र प्रसाद गॉड
- चमोली : रंभा शाह
- उत्तरकाशी : मुरारी लाल राणा
- हरिद्वार : ठाट सिंह
- टिहरी गढ़वाल : रजनी मंगाई
- रुद्रप्रयाग : मिली बागड़ी
- चंपावत : नरेश चंद्र
- पिथौरागढ़ : दीवान सिंह कठायत
- अल्मोड़ा : डॉ. विनीता खाती
माध्यमिक शिक्षा में
- पौड़ी गढ़वाल : पुष्कर सिंह नेगी
- उत्तरकाशी : गीतांजलि जोशी
- देहरादून : डॉ. सुनीता भट्ट
- चंपावत : प्रकाश चंद्र उपाध्याय
- अल्मोड़ा : दीपक चंद्र बिष्ट
अन्य
- प्रशिक्षण संस्थान : 1 शिक्षक
- संस्कृत शिक्षा : 1 शिक्षक