उत्तराखण्ड समाचार

पहाड़ से लेकर मैदान तक सताएगी कड़ाके की ठंड

उत्तराखंड का शीतकालीन पर्यटन यहां होने वाली बर्फबारी पर निर्भर है। ऐसे में इस साल दिसंबर के अंत तक अच्छी बर्फबारी होने के आसार है। जिसका सीधा असर पर्यटन क्षेत्र पर देखने को मिलेगा। इससे विंटर ट्रैक दयारा बुग्याल, नाग टिब्बा जैसे ट्रैक पर पर्यटकों की अच्छी भीड़ देखने को मिलेगी।

देहरादून। प्रदेश के पर्वतीय इलाकों में बीते दो दिन हुई बारिश व बर्फबारी का असर अगले कुछ दिनों तक मैदानी इलाकों में देखने को मिलेगा। मौसम विज्ञान केंद्र की ओर से जारी पूर्वानुमान के अनुसार प्रदेश भर में 18 दिसंबर तक मौसम शुष्क तो रहेगा, लेकिन शीतलहर के चलते पहाड़ से लेकर मैदान तक सुबह-शाम के समय ठंड सताएगी। इसके अलावा दोनों समय के तापमान में गिरावट भी देखने को मिलेगी।

मौसम वैज्ञानिकों का कहना है, चार धाम समेत ऊंचाई वाले इलाकों में हुई बर्फबारी का सीधा असर मैदानी इलाकों के तापमान में पड़ता है। शीतलहर के चलने से सुबह-शाम के साथ दिन के तापमान में भी असर देखने को मिलता है।

हालांकि विंटर बारिश न होने की वजह से बीते कुछ दिनों से मैदानी इलाकों के अधिकतम तापमान में एक-दो डिग्री की बढ़ोतरी दर्ज की जा रही थी। यही वजह है कि मैदानी इलाकों में सुबह के समय कोहरे की चादर लोगों को परेशान कर रही है। खासकर ऊधमसिंह नगर और हरिद्वार जिले में कोहरा छा रहा है।

प्रदेश भर में दिसंबर महीने में साल 2014 में रिकॉर्ड बर्फबारी हुई थी। इस साल पूरे राज्य में 24 इंच बर्फबारी दर्ज की गई थी। इससे पहले साल 2005 में 3.8 इंच बर्फबारी हुई थी। जबकि बीते साल नवंबर और दिसंबर के महीने में न के बराबर बर्फबारी देखने को मिली थी। इसकी बड़ी वजह विंटर बारिश का कम होना बताया गया था।

उत्तराखंड का शीतकालीन पर्यटन यहां होने वाली बर्फबारी पर निर्भर है। ऐसे में इस साल दिसंबर के अंत तक अच्छी बर्फबारी होने के आसार है। जिसका सीधा असर पर्यटन क्षेत्र पर देखने को मिलेगा। इससे विंटर ट्रैक दयारा बुग्याल, नाग टिब्बा जैसे ट्रैक पर पर्यटकों की अच्छी भीड़ देखने को मिलेगी।


18 दिसंबर तक प्रदेश भर में मौसम शुष्क रहेगा। हालांकि बीते कुछ दिनों से ऊंचाई वाले इलाकों में हुई बर्फबारी से मैदानी इलाकों में शीतलहर चलेगी। इससे तापमान में असर पड़ेगा। दिन के मुकाबले रात के तापमान में भारी गिरावट दर्ज की जाएगी। इसके अलावा इस साल सर्दियों में अच्छी बर्फबारी होने की संभावना है।

– बिक्रम सिंह, निदेशक, मौसम विज्ञान केंद्र


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