उत्तराखण्ड समाचार

‘साईं सृजन’ केवल पत्रिका नहीं, एक रचनात्मक आंदोलन है : राजन गोयल

डोईवाला: साहित्य, संस्कृति और समाज के अद्वितीय समन्वय को समर्पित ‘साईं सृजन पत्रिका’ के ग्यारहवें अंक का विमोचन वरिष्ठ समाजसेवी राजन गोयल ने किया।विमोचन के अवसर पर समाजसेवी राजन गोयल ने कहा कि,”साईं सृजन केवल एक साहित्यिक मंच नहीं, बल्कि यह समाज के विविध आयामों को जोड़ने वाली एक सशक्त सांस्कृतिक कड़ी बन चुका है, जो पीढ़ियों को संवाद, चिंतन और सृजन की दिशा में प्रेरित कर रहा है। पत्रिका की विविधता और सामाजिक प्रतिबद्धता अत्यंत सराहनीय है।”

पत्रिका के संपादक प्रो० के० एल० तलवाड़ ने कहा कि,”हर अंक में हम केवल रचनात्मकता ही नहीं, बल्कि विचार, दृष्टिकोण और समसामयिकता को भी समाहित करते हैं। ‘साईं सृजन’ उत्तराखंड की आत्मा, आस्था, प्रकृति और परिवर्तनशीलता को रचनात्मक भाषा में प्रस्तुत कर पाठकों से एक जीवंत संवाद करता है।”‘साईं सृजन पटल पत्रिका’ का यह ग्यारहवां अंक निःसंदेह एक रचनात्मक आंदोलन का दस्तावेज है, जो साहित्य, संस्कृति और समाज की त्रिवेणी से भावी भारत के निर्माण की दिशा में एक मजबूत कदम है। यह केवल एक प्रकाशन नहीं, बल्कि हमारे समाज की बौद्धिक चेतना का सशक्त माध्यम है।

पत्रिका के उपसंपादक अंकित तिवारी ने कहा कि,” हमारी टीम ने प्रदेश की जड़ों तक पहुँचने का प्रयास किया है, जिससे पाठकों को न केवल जानकारी मिले, बल्कि एक आत्मिक संतुलन की अनुभूति भी हो।”इसमें प्रकाशित रचनाएँ जमीनी सरोकारों, जनसंवेदना और सांस्कृतिक जड़ों से जुड़ी होती हैं, जो युवा पीढ़ी को अपनी मिट्टी से जोड़ने का कार्य करती हैं।

कार्यक्रम में जज /सदस्य स्थायी लोक अदालत, बागपत राजकुमार गुप्ता ने कहा कि डिजिटल युग में भी पत्रिका ने संवेदनाओं की मिठास और विचारों की गंभीरता को बनाए रखते हुए साहित्यिक परंपरा को आगे बढ़ाया है। अब यह पाठकों की आत्मा की आवाज़ बन चुकी है — एक ऐसा मंच जो सोच को दिशा देता है और हृदय को छूता है। विमोचन कार्यक्रम में शिवचंद्र प्रकाश गोयल, गगन गोयल, दीपा गोयल, रानी गोयल, गौरी, अमन, राधिका , विपुल, नमन ,अनंत, हेमंत हुरला आदि उपस्थित रहे।


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