‘लव जिहाद’ के बाद ‘लैंड जिहाद’ पर बवाल
कांग्रेस ने बीजेपी पर लगाया 'भावनाएं भड़काने' का आरोप
‘लव जिहाद’ के बाद ‘लैंड जिहाद’ पर बवाल, इसमें पार्टी के प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव, प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा, पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल, राष्ट्रीय सचिव काजी निजामुद्दीन समेत पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने भाग लिया।
देहरादून। प्रदेश कांग्रेस की राजनीतिक मामलों की समिति की बैठक में उत्तरकाशी जिले के पुरोला का प्रकरण गरमाया। कांग्रेस ने सत्तारूढ़ भाजपा पर लोकसभा चुनाव को देखते हुए लव जिहाद के बाद अब लैंड जिहाद के नाम पर धार्मिक भावनाएं भड़काने का आरोप लगाया गया। समिति ने कहा कि कांग्रेस राज्य का सांप्रदायिक वातावरण किसी भी हाल में बिगड़ने नहीं देगी। प्रदेश कांग्रेस उपाध्यक्ष संगठन मथुरादत्त जोशी ने बताया कि राजनीतिक मामलों की समिति की बैठक बीती 11 जून को जूम के माध्यम से हुई।
इसमें पार्टी के प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव, प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा, पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल, राष्ट्रीय सचिव काजी निजामुद्दीन समेत पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने भाग लिया। बैठक में उत्तरकाशी जिले के पुरोला में घटी घटना पर चर्चा करते हुए कांग्रेस नेताओं ने एक सुर में कहा कि भाजपा एवं उसके आनुषंगिक संगठनों की भूमिका राज्य हित में उचित नहीं है। देवभूमि का सांप्रदायिक सौहार्द बिगड़ना नहीं चाहिए।
बैठक में बागेश्वर में होने वाले विधानसभा उपचुनाव की रणनीति पर चर्चा की गई। उपचुनाव में पार्टी की ओर से उठाए जाने वाले मुद्दों में कांग्रेस की पिछली सरकार के विकास कार्यों को जनता के बीच रखने का निर्णय लिया गया। इस दौरान पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत व केंद्रीय रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट के नाथूराम गोडसे को लेकर दिए गए वक्तव्य की निंदा की गई। यह भी तय किया कि भाजपा के विरुद्ध पूरे प्रदेश में सड़कों पर उतरकर जवाब दिया जाएगा।
बैठक में पूर्व कैबिनेट मंत्री नवप्रभात, विधायक सुमित हृदयेश, वैभव वालिया, इशिता सेढ़ा, प्रदेश महिला कांग्रेस अध्यक्ष ज्योति रौतेला व युवा कांग्रेस अध्यक्ष सुमित्तर भुल्लर, हेमा पुरोहित व अमरजीत सिंह समेत कई नेताओं ने अपने विचार रखे। पूर्व नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह ने भी पुरोला मामले में भाजपा सरकार पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार की परिस्थितियां पैदा की जा रही हैं, उससे स्पष्ट हो रहा है कि सरकार और भाजपा के पास लोकसभा चुनाव में कहने के लिए कुछ भी नहीं है।
कांग्रेस के भीतर एक बार फिर प्रदेश प्रभारी बदलने की चर्चा जोर पकड़ी। वर्ष 2022 में विधानसभा चुनाव में मिली हार और उसके बाद प्रदेश में पार्टी के भीतर बदलाव को लेकर प्रभारी देवेंद्र यादव असंतुष्टों के निशाने पर हैं। हार के बाद प्रदेश प्रभारी नहीं बदलने पर उनकी ओर से समय-समय पर सवाल खड़े किए जाते रहे हैं। विधायक मदन सिंह बिष्ट ने दावा किया कि प्रदेश प्रभारी को अगले पांच दिनों के भीतर बदला जा सकता है।
उन्होंने कहा कि प्रभारी को बदला जाना चाहिए। प्रभारी देवेंद्र यादव के रवैये पर पूर्व नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह भी आपत्ति करते रहे हैं। प्रीतम सिंह ने कहा कि प्रभारी ने प्रदेश में पार्टी के भीतर समन्वय की जिम्मेदारी अच्छी तरह से नहीं निभाई।
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