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राष्ट्रीय समाचार

बड़े जलाशयों में दरार ने बढ़ा दी हैं चिंताएं

(देवभूमि समाचार)

विशाखापट्टनम। बंगाल की खाड़ी में हुई मौसमी उथल पुथल से आंध्र प्रदेश के हालात बिगड़ते जा रहे हैं. राज्य के कई इलाकों में भारी बारिश का दौर जारी है. बारिश से जुड़ी घटनाओं में अब तक 33 लोग जान गंवा चुके हैं. वहीं, 12 लोगों के गुमशुदा होने की खबर है. इसके अलावा राज्य में रेल संपर्क भी खासा प्रभावित हुआ है. दक्षिण मध्य रेलवे  ने बताया कि नेल्लोर के पास पादुगुपाडु में रेल की पटरियों को हुए नुकसान के कारण 100 से अधिक एक्सप्रेस ट्रेनों को रद्द कर दिया गया और 29 ट्रेनों के मार्गों में बदलाव किया गया है.

लगातार हो रही बारिश के चलते राज्य में नदियों, जल परियोजनाओं में जलस्तर बढ़ गया है. वहीं, चित्तूर, कड़प्पा, अनंतपुर और नेल्लूर में बाढ़ की स्थिति बन गई है. आंध्र प्रदेश में पेन्ना नदी में बाढ़ आने की वजह से सैकड़ों वाहन और यात्री फंस गए हैं, अहम राजमार्गों पर यातायात बंद कर दिया है. रेवले के अलावा बस सेवा पर भी काफी असर पड़ा है. खबर है कि कई यात्री नेल्लोर आरटीसी बस स्टॉप पर फंसे हुए हैं.

सरकारी डेटा के अनुसार, कड़प्पा में बारिश और बाढ़ से 20, अनंतपुर में 7, चित्तूर में 4 और एसपीएस नेल्लोर में 2 की मौत हो गई थी. नेल्लोर में अज्ञात व्यक्ति का शव सोमसिला जलाशय के पास मिला था. वहीं, कड़प्पा जिले में 12 लोगों के गुमशुदा होने की खबर थी. यहां सैकड़ों एकड़ में फैली फसल नष्ट हो गई, मवेशी बह गए और गांवों में कई घर मलबे में तब्दील हो गए हैं.

आंध्र प्रदेश के तिरुपति शहर बाढ़ से सबसे ज्यादा प्रभावित था. अब यहां राज्य के सबसे बड़े जलाशयों में दरार आने की खबर ने भी चिंताएं बढ़ा दी हैं. हालांकि, शहर में भारी बारिश दर्ज नहीं की गई. NDRF की 10वीं बटालियन ने राजमपेट और तिरुपति में दो-दो टीमें तैनात की हैं. वहीं, नेल्लोर जिले में तीन दल मौजूद हैं. NDRF की तीसरी बटालियन की दो टीमों को विशाखापट्टनम में तैयार रहने के लिए कहा गया है.

आंध्र प्रदेश में चेन्नई-कोलकाता राष्ट्रीय राजमार्ग -16, आंध्र प्रदेश में नेल्लोर और विजयवाड़ा के बीच यातायात के लिए कट गया और चेन्नई ग्रैंड ट्रंक रेल मार्ग भी कट गया है, जो देश के दक्षिणी और पूर्वी और उत्तरी भागों को जोड़ने के लिए अहम रेल मार्ग है. बाढ़ ने रेल पटरियां, सड़कों और हवाई यातायात को नुकसान पहुंचाया है. कड़प्पा एयरपोर्ट को 25 नवंबर तक बंद रखने का फैसला लिया गया है.

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देवभूमि समाचार में इंटरनेट के माध्यम से पत्रकार और लेखकों की लेखनी को समाचार के रूप में जनता के सामने प्रकाशित एवं प्रसारित किया जा रहा है।

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