अस्पतालों को दिशा-निर्देश जारी करने का अनुरोध
अस्पतालों को दिशा-निर्देश जारी करने का अनुरोध, वायरस के दुष्प्रभावों पर नियंत्रण, बचाव, चिकित्सा के संबंध में बताया गया है की एचएमपीवी वायरस के माध्यम से फ्लू, खांसी, बुखार, नाक बहना, नाक बंद होना, गले में खराश, घरघराहट, स्वर बैठना, निमोनिया, सांस लेने में कठिनाई हो सकती है.
देहरादून। कोविड 19 के नये वंशज एचएमपीवी वायरस के आघातों से, बूढ़े नागरिकों को बचाने के लिए सरकारी तथा प्राइवेट अस्पतालों को दिशा निर्देश जारी करने का अनुरोध। संयुक नागरिक संगठन ने मुख्य सचिव तथा सचिव स्वास्थ्य को लिखा पत्र। मान्यवर, सादर अभिवादन। इसमें पड़ोसी राज्य चीन से उपरोक्त वायरस के कारण हो रही मौतों की खबरों पर चिंता जताते हुए बूढ़े नागरिकों के हित में दिशा निर्देश जारी करने की मांग की गई है।
वायरस के दुष्प्रभावों पर नियंत्रण, बचाव, चिकित्सा के संबंध में बताया गया है की एचएमपीवी वायरस के माध्यम से फ्लू, खांसी, बुखार, नाक बहना, नाक बंद होना, गले में खराश, घरघराहट, स्वर बैठना, निमोनिया, सांस लेने में कठिनाई हो सकती है जिनका उपचार आसान है। वायरस संक्रमित व्यक्ति के खांसने, छींकने, छूने, हाथ मिलाने से फैल सकता है।इससे बचाव जरूरी है। घर पर आकर हाथ धोने जरूरी है। मास्क पहनना और सोशल डिस्टेंसिंग भी जरूरी होगी।
वृद्ध नागरिकों को सार्वजनिक समारोह आयोजनों आदि में जाने से बचना चाहिए।आइसोलेशन प्रोटोकोल, यूनिवर्सल प्रिकॉशंस अपनाए जाने जरूरी है। अंत में सरकारी/ निजी अस्पतालों में संबंधित बीमारी के लक्षणों से ग्रस्त बीमारो के खून की जांच अनिवार्य बनाते हुए इसे आईएचआईपी पोर्टल पर भेजी जानी उपयुक्त बताया गया जिससे संक्रमण की मॉनिटरिंग आसान होगी।
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प्रेषक- सुशील त्यागी, सचिव, संयुक्त नागरिक संगठन