कविताओं के माध्यम से दादा-दादी को याद किया
कविताओं के माध्यम से दादा-दादी को याद किया, इस आनलाईन कार्यक्रम में राजस्थान, मध्यप्रदेश, उत्तर प्रदेश, गुजरात, बिहार, उत्तराखंड, मुम्बई सहित देश के विभिन्न भागों से आमंत्रित कवि कवयित्रियों व आमंत्रित अतिथियों ने दादा दादी पर बाल कविताओं का वाचन किया। #(कार्यालय संवाददाता)
जोधपुर। संयुक्त परिवार के खत्म होने के साथ ही साथ लोग दादा दादी का महत्व भूलने लगे वही दूसरी ओर बाल प्रहरी और बाल साहित्य संस्थान अल्मोड़ा उत्तराखंड ध्दारा गूगल मीट पर आयोजित अखिल भारतीय कवि सम्मेलन में आमंत्रित कवि कवयित्रियों ने दादा दादी पर अपनी-अपनी कविताओं का पाठ कर उनके महत्व को उजागर किया।
इस आनलाईन कार्यक्रम में राजस्थान, मध्यप्रदेश, उत्तर प्रदेश, गुजरात, बिहार, उत्तराखंड, मुम्बई सहित देश के विभिन्न भागों से आमंत्रित कवि कवयित्रियों व आमंत्रित अतिथियों ने दादा दादी पर बाल कविताओं का वाचन किया। राजस्थान से जोधपुर के साहित्यकार सुनील कुमार माथुर ने अपनी भागीदारी निभाई।
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कार्यक्रम की अध्यक्षता हेमंत यादव ने की। मुख्य अतिथि उद्धव भयवाल थे व विशिष्ट अतिथि डां आर पी सारस्वत, सुनील कुमार माथुर, श्रीमती शशिबाला श्रीवास्तव व श्रीमती शोभा बिष्ट थे। कार्यक्रम का संचालन श्रीमती भावना महरा रौतेला ने किया व अंत में बाल साहित्य संस्थान अल्मोड़ा उत्तराखंड के सचिव उदय किरौला ने सभी के प्रति धन्यवाद ज्ञापित किया।
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