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पिथौरागढ़ जिले में एक विवाहिता के अपहरण और हत्या का सनसनीखेज मामला सामने आया है, जिसमें युवक और उसके परिवार की भूमिका उजागर हुई है। शादी का झांसा देकर महिला को अगवा किया गया और बाद में परिजनों ने उसे नदी में फेंककर हत्या कर दी।
- बागेश्वर निवासी युवक ने बहला-फुसलाकर महिला को किया अगवा
- परिजनों ने रची आपराधिक साजिश, हत्या कर सबूत मिटाने की कोशिश
- रामगंगा नदी से बैग, फोटो और कपड़े बरामद, शव अब भी लापता
- बीएनएस की गंभीर धाराओं में पिता-पुत्र समेत चार आरोपी जेल भेजे गए
पिथौरागढ़। उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले से एक दिल दहला देने वाला हत्याकांड सामने आया है, जिसने पूरे क्षेत्र में सनसनी फैला दी है। बेरीनाग तहसील के दड़मेत कमदीना गांव की एक विवाहिता महिला के अपहरण और हत्या के मामले का पुलिस ने खुलासा कर दिया है। पुलिस जांच में सामने आया है कि महिला को शादी का झांसा देकर एक युवक ने अपहरण किया, जिसके बाद उसके ही परिवार वालों ने आपराधिक साजिश रचकर महिला को रामगंगा नदी में फेंककर मौत के घाट उतार दिया।
जानकारी के अनुसार, 16 सितंबर को राजस्व क्षेत्र कालासीला में दड़मेत कमदीना निवासी बहादुर राम ने अपनी बहू सुनीता देवी की गुमशुदगी दर्ज कराई थी। इस संबंध में पटवारी क्षेत्र कालासीला में धारा 140(3) बीएनएस के तहत अज्ञात के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था। लगभग एक माह बाद 16 अक्टूबर को यह मामला नियमित पुलिस के हवाले किया गया, जिसके बाद पुलिस ने गहन जांच शुरू की। विवेचना के दौरान पुलिस को अहम सुराग मिले। जांच में सामने आया कि बागेश्वर जिले के कपकोट थाना क्षेत्र के किसमिला गांव निवासी विजय प्रसाद ने सुनीता देवी को बहला-फुसलाकर शादी करने के बहाने अपने साथ ले गया था।
पुलिस के अनुसार, इससे पहले भी विजय प्रसाद महिला को अपने साथ घुमाने और अपने घर ले जाने की कोशिश कर चुका था, जिसकी पुष्टि साक्ष्यों और पूछताछ में हुई। इस घटना से नाराज होकर विजय प्रसाद के परिजनों ने कथित तौर पर आपराधिक षड्यंत्र रचा। पुलिस के अनुसार, परिवार के सदस्यों ने मिलकर सुनीता देवी को रामगंगा नदी में फेंक दिया, जिससे उसकी मौत हो गई। पूछताछ और उपलब्ध साक्ष्यों के आधार पर इस पूरे घटनाक्रम का खुलासा हुआ। एसएचओ बेरीनाग नरेश कुमार गंगवार के नेतृत्व में पुलिस टीम ने मामले में गंभीर धाराएं जोड़ते हुए धारा 87, 140(1) और 3(5) बीएनएस के तहत कार्रवाई की। इस मामले में विजय प्रसाद, उसके पिता रमेश राम, हरीश राम और बलवंत राम को गिरफ्तार किया गया।
आरोपियों की निशानदेही पर पुलिस ने रामगंगा नदी से सुनीता देवी का बैग, फोटो, एक स्वेटर और दुपट्टा बरामद किया है। हालांकि, महिला का शव अब तक बरामद नहीं हो सका है, जिसकी तलाश के प्रयास जारी हैं। पुलिस ने सभी आरोपियों को न्यायालय में पेश किया, जहां से उन्हें न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेज दिया गया। इस पूरे मामले में पुलिस टीम की भूमिका अहम रही। गिरफ्तारी करने वाली टीम में एसएसआई हरीश सिंह कोरंगा, एसआई पूजा मेहरा, एएसआई भुवन चंद्र पांडेय, कांस्टेबल गोपाल पांडेय और राजकुमार शामिल रहे। पुलिस का कहना है कि मामले से जुड़े हर पहलू की गहनता से जांच की जा रही है और शव की बरामदगी के प्रयास तेज कर दिए गए हैं।





