केशव कल्चर की अनुपम कृति प्रसादम का प्रकाशन

आप सभी को सूचित करते हुए हर्ष हो रहा है कि दिल्ली दीप्ति शुक्ला जी के द्वारा चलाई जा रही एक संस्था जो कि केशव कल्चर के नाम से संचालित है। अपने अथक परिश्रम एवं कर्त्तव्यनिष्ठा से यह संस्था अनंत ऊंचाइयो को प्राप्त कर रही है ।
इसमें 56 कवियों की रचना है इसका मुख्य कारण यह है कि भगवान श्री कृष्ण को छप्पन भोग लगाए जाते हैं। इसीलिए संस्था द्वारा किताब में 56 साहित्यकारों के सृजन को संग्रहित करने का संकल्प लिया गया था। इस पावन पुस्तक में बेहद सुन्दर चित्रांकन मुकेश अनुरागी (भारत ) और तेजाश्री वरधावे जी (यू. एस. ए.) ने किया है l पुस्तक की डिज़ाइनिंग वेल्ल्वीया क्रिएशन्स दिल्ली से हुई है l यह पावन पुस्तक रंगीन प्रष्टो की एक अनुपम कृति है l
आपको बता दें कि संस्था ने जमीनी स्तर से काम करते हुए आज देश विदेश तक बड़े स्तर पर पहचान बना ली है। इसका पब्लिकेशन और प्रिंटिंग केशव कल्चर के तत्वाधान में ही हो रहा है और या पुस्तक केशव कल्चर की वेबसाइट पर ईबुक एवं हार्डकॉपी (कलर्ड एवं ब्लैक एन्ड वाइट) में उपलब्ध होंगी
आचार्य बृजपाल शुक्ला जी के आशीर्वाद से इस प्रसादम का सम्पादन कार्य सफल हुआ l संपादकीय मण्डल में दीप्ति शुक्ला जी , विनीता लवानियाँ जी, प्रतिभा शर्मा जी, के.एल. सोनी कि अहम् भूमिका रही l
प्रभा शुक्ला, डॉ. निराला पाठक जी, ज्ञानेश्वरी सिंह “सखी” जी, सीमा रहस्यमयी जी एवं नीतेंद्र सिंह परमार भारत एवं केशव कल्चर के कार्यकारिणी सदस्य प्रशांत द्विवेदी जी , पूजा चौधरी जी के निरंतर सहयोग से पुस्तक का कार्य पूरा हुआ । भगवान श्री कृष्ण और माँ शारदा से यही कामना है कि यह संस्था दिन प्रति दिन इसी तरह से ऊंचाइयों को प्राप्त करती रहे। इसी तरह सभी गुरुजनों और देवताओं का आशीष हम पर बना रहे ।
संस्था के महासचिव प्रशांत द्विवेदी जी ने बताया कि यह हमारा परम सौभाग्य है कि हमें इस पुस्तक पर कार्य करने का सुअवसर मिला 56 कवियों की रचनाओं का महाभोग की थाली सज चुकी है l आप सभी से अनुरोध है, कार्यक्रम में आकर इस अनुष्ठान को सफल बनायें l आइये हम सब मिलकर भगवान श्री कृष्ण को अपनी भाव भरी कृतियों का छप्पन भोग लगाये l
प्रेषक : महासचिव, प्रशांत द्विवेदी मृदुल.