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देहरादून में पीआरएसआई के 47वें राष्ट्रीय सम्मेलन के दूसरे दिन महिला सशक्तीकरण, जनसंचार और सुशासन की भूमिका पर व्यापक मंथन हुआ। सम्मेलन में स्वास्थ्य सेवाओं में उत्कृष्ट योगदान के लिए उत्तराखंड के स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार को राष्ट्रीय सम्मान प्रदान किया गया।
- आर्थिक स्वतंत्रता से ही संभव है महिलाओं का वास्तविक सशक्तीकरण: ऋतु खंडूड़ी भूषण
- जनसंचार देश के विकास की रीढ़, लोकतंत्र को करता है मजबूत: डॉ. रमेश पोखरियाल ‘निशंक’
- 25 वर्षों में उत्तराखंड ने विकास के कई नए मानक स्थापित किए: पद्मश्री डॉ. बी.के. संजय
- स्वास्थ्य सेवाओं में नवाचार और विस्तार को मिला राष्ट्रीय मंच पर सम्मान
देहरादून। पब्लिक रिलेशन सोसाइटी ऑफ इंडिया (पीआरएसआई) के 47वें वार्षिक राष्ट्रीय सम्मेलन के दूसरे दिन सहस्रधारा रोड स्थित होटल द एमराल्ड ग्रैंड में आयोजित कार्यक्रम में महिला सशक्तीकरण, जनसंचार की भूमिका और राज्य के समग्र विकास जैसे विषयों पर गंभीर और व्यापक विमर्श देखने को मिला। सम्मेलन की मुख्य अतिथि उत्तराखंड विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी भूषण ने अपने संबोधन में स्पष्ट शब्दों में कहा कि महिलाओं का वास्तविक सशक्तीकरण तभी संभव है जब वे आर्थिक रूप से स्वतंत्र हों, क्योंकि रोजगार, उद्यमिता और निर्णय प्रक्रिया में समान भागीदारी के बिना समावेशी विकास की कल्पना अधूरी रहती है।
उन्होंने कहा कि आज का युग सूचना और संवाद का है और जनसंचार व पब्लिक रिलेशन जैसे माध्यम सरकार और जनता के बीच मजबूत संवाद स्थापित करने में निर्णायक भूमिका निभा रहे हैं, जिससे योजनाओं और नीतियों का लाभ अंतिम पंक्ति में खड़े व्यक्ति तक पहुंचाया जा सकता है। उन्होंने पीआरएसआई की भूमिका की सराहना करते हुए कहा कि यह संस्था सरकारी नीतियों, योजनाओं और विकास कार्यों को प्रभावी, पारदर्शी और विश्वसनीय तरीके से जनता तक पहुंचाने का सशक्त सेतु बन चुकी है तथा इस क्षेत्र में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने की अपार संभावनाएं हैं। उन्होंने यह भी कहा कि पीआर इंडस्ट्री का आकार तेजी से बढ़ रहा है, लेकिन इसके साथ सूचना की विश्वसनीयता और नैतिक जिम्मेदारी भी उतनी ही महत्वपूर्ण है।
सम्मेलन को संबोधित करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ ने कहा कि जनसंचार और कम्युनिकेशन आज देश के विकास की रीढ़ बन चुका है और पीआरएसआई जैसी संस्थाएं सरकार तथा समाज के बीच संवाद की कड़ी को सुदृढ़ कर लोकतंत्र को मजबूती प्रदान कर रही हैं। उन्होंने बदलते तकनीकी परिदृश्य का उल्लेख करते हुए कहा कि पीआर इंडस्ट्री को डिजिटल नवाचार, पारदर्शिता और विश्वसनीयता पर विशेष ध्यान देना होगा, ताकि सूचना के इस युग में जनविश्वास कायम रह सके।
विशिष्ट अतिथि पद्मश्री डॉ. बी.के. संजय ने उत्तराखंड के 25 वर्षों की विकास यात्रा पर प्रकाश डालते हुए कहा कि राज्य ने शिक्षा, स्वास्थ्य, मेडिकल एजुकेशन और आधारभूत ढांचे के क्षेत्रों में उल्लेखनीय प्रगति की है और बीते ढाई दशकों में अनेक नए मानक स्थापित किए हैं, जिससे राज्य निरंतर विकास के नए आयाम छू रहा है। सम्मेलन के दौरान उत्तराखंड के स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार को राज्य की स्वास्थ्य सेवाओं में उनके उल्लेखनीय योगदान के लिए पीआरएसआई राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया, जो उन्हें विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी भूषण और डॉ. रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ द्वारा प्रदान किया गया।
सम्मान ग्रहण करते हुए डॉ. आर. राजेश कुमार ने कहा कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत के मार्गदर्शन में प्रदेश की स्वास्थ्य सेवाओं में निरंतर सुधार किया जा रहा है, टेलीमेडिसिन सेवाओं का विस्तार किया गया है और दुर्गम क्षेत्रों के लिए एयर एम्बुलेंस जैसी सुविधाएं शुरू की गई हैं, जिससे अंतिम छोर तक गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं पहुंचाने का लक्ष्य साकार हो रहा है। उन्होंने इस सम्मान को मुख्यमंत्री के नेतृत्व और स्वास्थ्य विभाग की पूरी टीम को समर्पित बताया।
कार्यक्रम में पीआरएसआई के राष्ट्रीय अध्यक्ष अजीत पाठक ने सभी अतिथियों का स्वागत करते हुए स्मृति चिन्ह भेंट किए, जबकि सम्मेलन के दूसरे दिन गेल के सीईओ संदीप गुप्ता, सचिव मुख्यमंत्री एवं एमडीडीए उपाध्यक्ष बंशीधर तिवारी, प्रो. दुर्गेश पंत, संयुक्त निदेशक सूचना नितिन उपाध्याय, वरिष्ठ पत्रकार अनुपम त्रिवेदी सहित देशभर से आए पीआर और मीडिया जगत के अनेक प्रतिष्ठित प्रतिनिधियों की उपस्थिति ने आयोजन को विशेष गरिमा प्रदान की।





