दून एयरपोर्ट से उड़ान भरने और उतरने के दौरान आ रही समस्या
दून एयरपोर्ट से उड़ान भरने और उतरने के दौरान आ रही समस्या, एयरपोर्ट पर बर्ड हिट की घटनाओं को देखते हुए रनवे के किनारे ऑपरेशन टाइम में दस से बारह लोगों को मुस्तैद किया जाता है। जोन गन और बर्ड लेजर गन से पटाखों की आवाज निकाली जाती है। ऊंचाई पर आवाज करने वाले पटाखे और रिफ्लेक्ट रिबन लगाए गए हैं।
जौलीग्रांट (देहरादून)। देहरादून एयरपोर्ट से उड़ान भरने और उतरने वाले विमानों से बर्ड हिट (पक्षी टकराने) का खतरा बढ़ गया है। वाइल्ड लाइफ इंस्टीट्यूट छह महीने के अध्ययन के बाद इस नतीजे पर पहुंचा है कि कांसरो और केशवपुरी बस्ती में बने कूड़ा डंपिंग जोन के ऊपर पक्षी काफी उंचाई तक उड़ते हैं, ये विमान से टकराकर कभी भी बड़े हादसे का सबब बन सकते हैं।
ये दोनों स्थान विमानों के लैंडिंग और टेक ऑफ जोन में आते हैं। स्थानीय प्रशासन को कूड़ा डंपिंग जोन को शिफ्ट करने की सिफारिश की गई है। देहरादून एयरपोर्ट तीन तरफ से घने जंगलों से घिरा हुआ है। राजाजी पार्क भी पास में ही है। इस क्षेत्र में कूड़ा डंपिंग जोन है।
यहां पर मरे हुए जानवरों को भी फेंक दिया जाता है और जंगल के अंदर शिकारी जानवर भी अपना अधखाया शिकार छोड़ देते हैं। इस कारण एयरपोर्ट के आस-पास कई तरह के पक्षी आसमान में मंडराते रहते हैं। इनमें बड़ी संख्या मांसभक्षी पक्षियों की होती है, जो आकार में बड़े होते हैं और काफी उंचाई तक उड़ते हैं। ये पक्षी अगर विमान से टकराते हैं तो बड़ा हादसा हो सकता है।
एयरपोर्ट प्रशासन भी इस मामले में बेहद गंभीर है। वह एयरपोर्ट पर होने वाली पर्यावरण समिति की बैठक में इस समस्या को कई बार उठा चुका है। जिला प्रशासन को भी कई मर्तबा इस बाबत लिखा जा चुका है, लेकिन स्थिति नही बदली है। एयरपोर्ट प्रशासन को सौंपी रिपोर्ट में वाइल्ड लाइफ इंस्टीट्यूट ने तोते, कबूतर, चील, बाज, धनेश पक्षी, बगुला, हिमालयन ग्रिफन गिद्धों के मंडराने का जिक्र किया है।
डीबीएस में रैगिंग से हड़कंप, छात्रों ने देर रात किया हंगामा-तोड़फोड़
एयरपोर्ट पर बर्ड हिट की घटनाओं को देखते हुए रनवे के किनारे ऑपरेशन टाइम में दस से बारह लोगों को मुस्तैद किया जाता है। जोन गन और बर्ड लेजर गन से पटाखों की आवाज निकाली जाती है। ऊंचाई पर आवाज करने वाले पटाखे और रिफ्लेक्ट रिबन लगाए गए हैं। अब एयरपोर्ट प्रशासन अब एक ऐसी डिवाइस मंगाने की तैयारी में है। इससे एक ही समय पर अलग-अलग आवाजें निकालकर पक्षियों को भगाया जा सकेगा।
ये हैं सबसे खतरनाक इलाके
- डोईवाला में सौंग नदी के किनारे केशवपुरी बस्ती में बना नगर पालिका का कूड़ा डंपिंग जोन
- राजाजी पार्क में कांसरो रेंज का क्षेत्र
वाइल्ड लाइफ इंस्टीट्यूट ने छह महीने के अध्ययन के बाद डोईवाला और कांसरों में दो स्थानों को चिह्नित किया है। यहां पक्षियों की मूवमेंट सबसे अधिक मिली है। बर्ड हिट के खतरे का कम करने के लिए कई उपाय किए जा रहे हैं। एक नई डिवाइस भी मंगाई जा रही है।
-प्रभाकर मिश्रा एयरपोर्ट, निदेशक (देहरादून एयरपोर्ट)
👉 देवभूमि समाचार में इंटरनेट के माध्यम से पत्रकार और लेखकों की लेखनी को समाचार के रूप में जनता के सामने प्रकाशित एवं प्रसारित किया जा रहा है। अपने शब्दों में देवभूमि समाचार से संबंधित अपनी टिप्पणी दें एवं 1, 2, 3, 4, 5 स्टार से रैंकिंग करें।