साहित्य लहर
कविता : कहां गये हमारे नैतिक मूल्य ?
सुनील कुमार माथुर
अभिभावक अपने बच्चों को
सत्य और अहिंसा का पाठ पढा रहें हैं
देशभक्ति , इंसानियत और भाईचारे का
हर रोज पाठ पढा रहें हैं
नैतिक मूल्यों को बनायें रखने की
बच्चों को सीख दे रहे हैं
हर रोज बच्चों को आदर्श संस्कार दे रहे हैं
लेकिन
देश में बढती हिंसा , असंतोष , भ्रष्टाचार ,
बलात्कार की बढती घटनाएं
सदन में हंगामा , मारपीट के दृश्य देखकर
आज बच्चें अपने अभिभावकों से पूछ रहे है…
कहां गये आपके नैतिक मूल्य?
कहां गये आपके आदर्श संस्कार?
कहां गई आपकी अहिंसा की सीख ?
आखिर अराजकता का यह तांडव
इस देश में कब तक चलता रहेगा?
¤ प्रकाशन परिचय ¤
From »सुनील कुमार माथुरस्वतंत्र लेखक व पत्रकारAddress »33, वर्धमान नगर, शोभावतो की ढाणी, खेमे का कुआ, पालरोड, जोधपुर (राजस्थान)Publisher »देवभूमि समाचार, देहरादून (उत्तराखण्ड) |
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