साहित्य लहर
कविता : उस चांद का करूं क्या

राजेश ध्यानी
उस चांद का करु क्या
जिसे कभी देखा नहीं
उस सूरज का करु क्या
जिसे कभी सहां नही
उस सागर का करू क्या
जिसे कभी पिया नही ,
उस नदी का करु क्या
जिसमे कभी नहाया नहीं
उस गम का करू क्या
जो छुपाया छुपा नहीं
उस दुख का करू क्या
जो दिखाया दिखा नहीं
उन आंसुओं का करू क्या
जिसमे कोई समाया नही
उस अपने का करू क्या
जो रह कर भी रहा नही।
¤ प्रकाशन परिचय ¤
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From »राजेश ध्यानी “सागर”वरिष्ठ पत्रकार, कवि एवं लेखकAddress »144, लूनिया मोहल्ला, देहरादून (उत्तराखण्ड) | सचलभाष एवं व्हाट्सअप : 9837734449Publisher »देवभूमि समाचार, देहरादून (उत्तराखण्ड) |
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