साहित्य लहर
कविता : उनसे ना कहना कोई

राजेश ध्यानी
उनसे ना कहना कोई
उन्हें हम भूलने लगें
उन यादों से ना कहना कोई ,
उन्हें हम मिटानें लगें।
उन आंसुओं से ना कहना कोई
उन्हे हम पीने लगे ,
उन वादों से ना कहना कोई
उन्हें हम तोड़ने लगें।
उन गुनाहों से ना कहना कोई
जो हमने नहीं किये।
उस राह से ना कहना कोई
बिन उसके हम चलने लगे।
बस ? ज़िदंगी को समझाना
उसके बिन , क्यूं जीने लगें।
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¤ प्रकाशन परिचय ¤
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From »राजेश ध्यानी “सागर”वरिष्ठ पत्रकार, कवि एवं लेखकAddress »144, लूनिया मोहल्ला, देहरादून (उत्तराखण्ड) | सचलभाष एवं व्हाट्सअप : 9837734449Publisher »देवभूमि समाचार, देहरादून (उत्तराखण्ड) |
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