साहित्य लहर

कविता : मनपंसद शायरी

राजीव कुमार झा

तुम्हारी शायरी
सबके मन को
नयी उमंग से
भर जाती
जीवन में
नये भावों को
लेकर आती

इसे सुनकर
सुनहली किरनें
मुस्कुराती
अरी सुंदरी !
तुम शायरी
जब भी सुनाती
पानी और धूप से
भरे

धान के खेतों में
सुबह गोरैया
चहचहाती
जाड़े के
इस कुहासे में
यह सबके मन में
धूप सी मुस्कान

जगाती
शायरी
रोज सुहानी शाम में
चुपचुप
भूला बिसरा
वह गीत गाती
हवा अपनी
धुन पर
जिसे सागर से
समेटकर
लाती

अंधेरी रात में
दीया जलाती
मनपसंद शायरी
सुनकर
लड़कियां
अकेली खिलखिलातीं
हवा उन्हें
एकांत में बुलाती

कलियां गीत
गुनगुनातीं
रिमझिम बारिश में
शाम ठहर जाती
मन की झील में
सुकून की लहर
भर जाती

मनपसंद शायरी
कविता की
सुंदर क्यारी
सबको सुनने में
लगती प्यारी


¤  प्रकाशन परिचय  ¤

Devbhoomi
From »

राजीव कुमार झा

कवि एवं लेखक

Address »
इंदुपुर, पोस्ट बड़हिया, जिला लखीसराय (बिहार) | Mob : 6206756085

Publisher »
देवभूमि समाचार, देहरादून (उत्तराखण्ड)

Devbhoomi Samachar

देवभूमि समाचार में इंटरनेट के माध्यम से पत्रकार और लेखकों की लेखनी को समाचार के रूप में जनता के सामने प्रकाशित एवं प्रसारित किया जा रहा है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
Verified by MonsterInsights